किसान संवाद : पालीगंज विधायक और किसानों ने किया नहरों की उड़ाही कराने की मांग, नहीं तो होगा आंदोलन

पालीगंज। पटना के पालीगंज विधानसभा के नहरों की समुचित उड़ाही की मांग को लेकर धरहरा मोड़ स्थित सबरी भवन में स्थानीय विधायक ने रविवार को ‘किसान संवाद’ का आयोजन किया। इस दौरान किसानों व विधायक ने नहरों को समुचित उड़ाही कराने की मांग किया। ‘किसान संवाद’ का आयोजन विधायक डॉ. संदीप सौरभ ने किया था।
कार्यक्रम में किसानों ने अपनी व्यथा रखते हुए कहा कि पिछले 20-25 वर्षों से यहां के नहरों की उड़ाही नहीं हुई है। इसकी वजह से किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और धान के फसल उत्पादन की लागत काफी बढ़ जाती है।
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि नहरों की उड़ाही और पानी को अंतिम छोर तक पहुंचाना इस क्षेत्र की सबसे ज्वलंत मांग है। 3 दशकों से उड़ाही और मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से ये नहर अत्यंत जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं। कई जगहों पर नहर भर गए हैं। वही विधायक ने कहा कि पिछले साल बजट सत्र में उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था। उसके उपरांत जल संसाधन विभाग की तरफ से इस संबंध में प्राक्कलन की मांग की गई। स्थानीय अधिकारियों से बात कर पिछले साल ही इसका प्राक्कलन तैयार करवाई गई। प्राक्कलन विभाग को सौंपा जा चुका है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक नहर उड़ाही का कार्य शुरू नहीं करवाया गया है, इसलिए अब इस मुद्दे पर किसानों को आंदोलन खड़ा करना होगा।
मौके पर बाली पांकड पंचायत के वर्तमान मुखिया ने सभा को आश्वस्त किया कि इस अभियान में वे पूरी ताकत से लगेंगे। जबकि पालीगंज के मुखिया संघ के अध्यक्ष आनंद यादव ने इसे स्थानीय किसानों का सबसे जरूरी मुद्दा बताते हुए कहा कि इसके लिए सभी को मिलकर लड़ना होगा। अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता मंगल यादव ने नहरों के निजीकरण का मुद्दा उठाया और दिल्ली बॉर्डर पर चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन से सबक लेकर अनवरत आंदोलन करने पर जोर दिया। जबकि भाकपा माले के वरिष्ठ नेता कॉ. अनवर हुसैन ने व्यापक प्रचार-प्रसार द्वारा आम जनता और किसानों को एकजुट कर आरपार के संघर्ष चलाने की बात कही। इस दौरान कई अन्य लोगों ने अपनी राय और सुझाव रखा। इस मौके पर पालीगंज और दुल्हिनबाजार के दर्जनों किसान, किसान नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा मौजूद थे।
कार्यक्रम का समापन इस निर्णय के साथ हुआ कि व्यापक प्रचार प्रसार के उपरांत अगले महीने के शुरूआत में पालीगंज में नहरों की उड़ाही के सवाल पर ‘किसान महापंचायत’ बुलाया जाएगा। उसके बाद भी अगर सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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