बंदीछोड़ दिवस पर तख्तश्री को दीपमाला और रंगीन रोशनी से सजाया

पटना सिटी। तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में बड़ी दिवाली को दीपमाला और रंगीन बल्बों की रोशनी से बिखेरा गया। तख्तश्री कमेटी के महासचिव महेंद्रपाल सिंह ढिल्लन ने पहले ही कहा था कि बड़ी दिवाली को तख्तश्री हरिमंदिर जी की इमारत को रंगीन रोशनी से नहाया जाएगा। साथ ही दीपमाला सजाई जाएगी। इसके पीछे तथ्य यह है कि इसी दिन सिखों के छठे गुरु श्री हरगोविंद सिंह जी ने ग्वालियर के किले से 56 राजाओं को मुक्त कराया था और उसी दिन वे श्री अमृतसर लौटे थे। इसी खुशी में सिख लोग दीपमाला सजाते हैं और आतिशबाजी करते हैं। इसे लेकर सिख संगत सूर्यास्त के बाद गुरुद्वारा पहुंचे महिला पुरुष के हाथों में पूजा की थाली थी, जिसमें लड्डू, मिठाई, लाबा, फरही के अलावा मोमबत्ती और दीया था। इन सबों ने दरबार साहिब में जहां लाबा के साथ ही लड्डू और मिठाई चढ़ाया, वहीं तख्त साहिब के परिसर में मोमबत्ती और दीया जलाकर इमारत और उसके परिसर को रोशन करने का काम किया। इन्हीं दीया में से एक दीया को ले जाकर संगत अपने घर की रसोई में आग प्रज्वलित करते हैं और अन्य दीयों को जलाकर अपने घर की छत और दरवाजे पर रखते हैं। कार्यक्रम में तख्तश्री कमेटी की ओर से सचिव महेंद्र सिंह छाबड़ा राजा सिंह, जगजोत सिंह, हरबंश सिंह, त्रिलोचन सिंह के अलावा प्रेम सिंह, इंद्रजीत सिंह बग्गा, अधीक्षक दलजीत सिंह, महाकांत राय, प्रबंधक दिलीप पटेल आदि भाग लिए। जत्थेदार इकबाल सिंह, वरीय मीत ग्रंथी भाई बलदेव सिंह, कथावाचक भाई दलजीत सिंह ने अपनी बातें रखीं। इस दौरान कथा और कीर्तन भी हुआ।

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