9 साल पुराने मामले में पप्पू यादव को 1 साल की सजा, एमपी-एमएलए कोर्ट ने दस हजार का जुर्माना भी लगाया

पटना। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन यादव उर्फ़ पप्पू यादव की मुश्किल है बढ़ती हुई नजर आ रही है। पप्पू यादव को एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत के दौरान बेउर जेल में ईयर फोन व मोबाइल बरामदगी के मामले में सजा सुनायी है। इसके बाद इनकी मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। न्यायिक हिरासत के दौरान बेउर जेल में ईयर फोन व मोबाइल बरामदगी के मामले में एमपी-एलएलए की विशेष अदालत ने आरोपी पूर्व सासंद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को सजा सुनायी है। पप्पू यादव को दोषी पाते हुए कोर्ट ने एक वर्ष की कैद व दस हजार रुपए जुर्माना की सजा दी है। यह मामला 2004 का है। जब पप्पू यादव आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत के तहत बेउर जेल में बंद थे। उस दौरान पुलिस प्रशासन ने जेल के निरीक्षण के दौरान 8 दिसंबर को बेउर जेल में छापामारी की थी। जसिमें पप्पू यादव के पास से एक ईयर फोन और मोबाइल फोन बरामद हुआ था। उसके बाद इस मामले में फुलवारीशरीफ थाना में एक आपराधिक मामला दर्ज हुआ था। अब इस मामले को सत्य पाते हुए पुलिस ने चार्जशीट दायर की। जिसके बाद विशेष न्यायिक दंडाधिकारी ने आरोपी पप्पू यादव को दोषी पाते हुए सजा सुनायी है। उधर, विशेष अदालत ने पप्पू यादव को सजा के खिलाफ अपील दायर करने के लिए औपबंधिक जमानत पर रिहा कर दिया। वहीं दूसरी ओर वर्ष 2018 के एक आपराधिक मामले में साक्ष्य का अभाव पाते हुए विशेष अदालत ने आरोपी पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को बरी कर दिया। यह आपराधिक मामला राजेन्द्र नगर स्टेशन पर नाजायज मजमा बनाकर धरना-प्रर्दशन करने से जुड़ा था। वर्ष 2018 में रेलवे पुलिस ने पूर्व सांसद पप्पू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और मामला सत्य पाते हुए विशेष अदालत में चार्जशीट दायर किया था।

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