सोशल मीडिया से चल रहा बिहार पुलिस पेपर लीक का खेल, इओयू ने 13 टेलीग्राम और तीन व्हाट्सएप चैनलों को किया चिन्हित
पटना। बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक करने वाले माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। यह परीक्षा केंद्रीय चयन पार्षद (सिपाही भर्ती) द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसमें 21391 सिपाहियों की बहाली के लिए परीक्षाएं हो रही हैं। पेपर लीक माफियाओं ने टेलीग्राम और व्हाट्सएप चैनलों के माध्यम से अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को जोड़ने का प्रयास किया है। वे इन प्लेटफार्मों पर ‘आंसर की’ उपलब्ध कराने के नाम पर लोगों से पैसे मांग रहे हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने शिकायतों के आधार पर 13 टेलीग्राम चैनल और तीन व्हाट्सएप चैनलों को चिन्हित किया है, जिनके माध्यम से यह गड़बड़ी की जा रही थी। इओयू ने पाया कि कई मामलों में अभ्यर्थियों से पैसे यूपीआई आईडी के जरिए लिए गए हैं। इन सोशल मीडिया चैनलों और यूपीआई आईडी की पड़ताल अभी चल रही है। इओयू के अधिकारियों ने बताया कि सात अगस्त को आयोजित पहले चरण की परीक्षा में भी पेपर लीक किए जाने का दावा किया गया था, लेकिन जांच में यह पाया गया कि वायरल हुए सभी पेपर और उनके उत्तर फर्जी थे। इन फर्जी आंसर की को वायरल करने वाले मोबाइल नंबरों की जांच हो रही है और पहचान होने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सात अगस्त को हुई परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़े के आरोप में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। खगड़िया से सात, बक्सर से तीन, सारण से तीन, दरभंगा से दो, समस्तीपुर से पांच, कैमूर से दो और भोजपुर से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस भर्ती परीक्षा के अभी पांच और चरण बाकी हैं, जो 11, 18, 21, 25 और 28 अगस्त को आयोजित किए जाएंगे। इओयू ने आने वाले चरणों में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी झांसे में न आएं और सावधानी बरतें। आर्थिक अपराध इकाई इस मामले को गंभीरता से ले रही है और भविष्य में भी ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए सतर्क है।