हिमाचल प्रदेश में जल्द लागू होगी पुरानी पेंशन व्यवस्था, सुखविंदर सुक्खू बोले- पहली कैबिनेट बैठक मे लाएंगे प्रावधान

शिमला। हिमाचल प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद अब कामकाज भी शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कैबिनेट बैठक से पहले ही बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि पहले कैबिनेट में ही हम पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करेंगे। आपको बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। चुनावी जीत के बाद कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा था कि हमने जो भी वादे किए हैं, उसको हर हाल में पूरा करेंगे। सुखविंदर सुक्खू ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस विधायकों की बैठक में फैसला लिया गया है कि हिमाचल भवन, सदन में जो जनता से पैसा लिया जाता है वहीं विधायकों से लिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक आम नागरिक की तरह सब बकाया भुगतान करेंगे। विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को तुरंत प्रभाव से वापस लिया गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पहली कैबिनेट में हम पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे। दूसरी और राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भले ही उत्तराखंड में कांग्रेस में अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की है। लेकिन कहीं ना कहीं सरकार के समक्ष कई बड़ी चुनौतियां जरूर होंगी। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी साफ तौर पर दिख रही है।
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पार्टी के लिए सबसे पहली मुश्किल विभागों का आवंटन होगा क्योंकि दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समर्थक उनके कथित प्रतिद्वंद्वी सुक्खू को शीर्ष पद पर काबिज किये जाने के बाद पहले से ही खुद को दरकिनार महसूस कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए एक महत्वपूर्ण विभाग मांगा है। विक्रमादित्य सिंह ने शिमला ग्रामीण से जीत दर्ज की है। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व विक्रमादित्य सिंह को राज्य मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री बनाने पर सहमत हो गया है। संगठनात्मक एकता की चुनौती के अलावा, राज्य में कांग्रेस सरकार को जमीनी स्तर पर काम करने और घोषणापत्र के वादों को पूरा करने की आवश्यकता होगी।

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