नवादा में शादी समारोह में हिंसक झड़प, बहन के विवाह से पहले भाई की हत्या, एक आरोपी गिरफ्तार

नवादा। बिहार के नवादा जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जगदीशपुर गांव में एक शादी समारोह उस समय मातम में बदल गया जब मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना में 20 वर्षीय युवक सोनू ताती की बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस दुखद घटना ने न केवल एक परिवार की खुशियों को गम में बदल दिया, बल्कि पूरे गांव में डर और दहशत का माहौल बना दिया।
शादी की तैयारी के बीच हुआ हमला
मृतक सोनू ताती, दिलीप ताती का पुत्र था और अपनी बहन की शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था। घटना के दिन, यानी 6 जून को वह पान की पत्ती लेने के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और लाठी-डंडों से बेरहमी से पीट दिया। सोनू के चाचा गौरी शंकर ताती के अनुसार, यह हमला पूर्व नियोजित लग रहा था। इस हमले से सोनू गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए पहले स्थानीय अस्पताल और फिर पटना रेफर किया गया। चार दिन बाद उसकी मौत हो गई।
समारोह स्थल पर भी मचाया उत्पात
सोनू पर हमले के बाद मामला यहीं नहीं रुका। हमलावरों ने देर शाम करीब 15–20 लोगों के साथ शादी समारोह स्थल पर पहुंचकर टेंट, कुर्सी, टेबल और बना हुआ खाना बर्बाद कर दिया। बारात के आने से पहले ही समारोह पूरी तरह उजड़ गया और हर ओर अफरा-तफरी मच गई। एक तरफ परिवार अपने घायल बेटे की जान बचाने में लगा था, तो दूसरी ओर शादी की खुशियां मातम में बदल चुकी थीं।
एफआईआर दर्ज, एक आरोपी गिरफ्तार
घटना के बाद पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें 15 लोगों को नामजद किया गया है। थाना प्रभारी नंदलाल यादव ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
शादी के बाद भी दिखाई गई हिम्मत
इस भयावह घटना के बावजूद, परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। दूल्हे ने साहस दिखाते हुए, बारात के रुके रहने के बावजूद, दुल्हन को मंदिर ले जाकर शादी संपन्न की। यह कदम दर्शाता है कि पीड़ित परिवार ने परिस्थिति के आगे हार नहीं मानी, बल्कि इंसाफ की उम्मीद और सामाजिक परंपरा दोनों को निभाया।
ग्रामीणों का आक्रोश और मांग
ग्रामीणों का कहना है कि यह हमला कमलेश प्रसाद और उनके साथियों द्वारा पूर्व नियोजित तरीके से किया गया। वे लोग घर में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ करने लगे। गांव में इस घटना को लेकर आक्रोश है, और ग्रामीणों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी तथा सख्त सजा की मांग की है। जगदीशपुर गांव की यह घटना यह दर्शाती है कि सामाजिक कार्यक्रमों के दौरान भी अपराधी मानसिकता के लोग किस तरह भय और आतंक का माहौल बना सकते हैं। पुलिस प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वह न्याय सुनिश्चित करे और ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
