हुलास विहार में मां-बेटी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, शव को कंधा देने नहीं आया कोई

फुलवारी शरीफ। बेउर थाना के हुलास विहार इलाके में एक घर में 70 वर्षीय मां व उसकी 38 वर्षीय तलाकशुदा बेटी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मां-बेटी की एक साथ मौत से परिवार में कोहराम मच गया। वहीं कोलोनी में कोरोना से मौत की चचार्एं गर्म हो गई। कोरोना के खौफ को लेकर इलाके में दहशत माहौल हो गया कि मृतक के घर पड़ोसी तक नहीं गए। मृतक के घर एक बुजुर्ग व एक बालक का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था लेकिन उन्हें कोई सांत्वना देने तक नहीं पहुंचा। यहां तक कि मां-बेटी की मौत के बाद रिश्तेदार भी नहीं गए।

घटना में एक साथ नानी व मां की मौत से 11 साल के बालक का रो रोकर बुरा हाल था। वहीं पत्नी व बेटी की मौत के बाद बुजुर्ग राजेंद्र सिंह की हालत खराब हो रही थी। इस संकट में न कोई आंसू पोछने आ रहा है व न ही कोई शवों को कंधा देने ही आगे आया। वहीं घटना में हर तरह से मदद के लिए कोई हाथ नहीं बढ़ता देख पीड़ित ने 100 नम्बर डायल कर मदद की गुहार लगाई तब जिला प्रशासन ,एम्बुलेंस व बेउर थाना पुलिस पहुंची। काफी जद्दोजहद के बाद एम्बुलेंस से शवों को ले जाया गया। वहीं हैरानी को बात यह है कि शवों का न तो पोस्टमार्टम कराया गया और न ही यह पता लगाने कि कोशिश हुई कि मौत कोरोना से हुई या मां बेटी ने आत्महत्या कर ली। लोगों में तरह-तरह की चर्चा है। लोगों का कहना है कि अगर मां-बेटी ने आत्महत्या की होती तो पुलिस को परिवार क्यों बुलाता। स्थानीय लोगों का मानना है की मां-बेटी की कोरोना से मौत हो गई है। दोनों की तबीयत पिछले एक सप्ताह से खराब थी। सर्दी, खांसी व बुखार सहित अन्य कोरोना के लक्षण देखने को मिल रहे थे। लेकिन परिवार ने दोनों में से किसी की जांच नहीं कराई । बता दें कि हुलास विहार में राजेंद्र सिंह, पत्नी चिंतामणि देवी, उनकी तलाकशुदा बेटी वंदना देवी व एक बेटा श्रीकृष्ण विष्णु सहित चार लोग ही घर मेें रह रहे थे। बेटी वंदना के तलाक के बाद माता-पिता के साथ ही रह रही थी। पति से वंदना का तलाक के बाद एकमात्र बेटा श्रीकृष्ण विष्णु का ही सहारा था।

पीड़ित राजेंद्र सिंह ने बताया कि कल रात को उनकी पत्नी व बेटी को डिहाईडरेशन उल्टी व शौच हो रहा था तब डॉक्टर से संपर्क किया गया लेकिन इलाज के लिए ले जाने से पहले ही दोनों की मौत हो गई। इसके बाद वे घंटो शव को ले जाने के लिए लोगो से मिन्नतें करते रहें लेकिन मोहल्ले से कोई नहीं आया तब जाकर 100 डायल किया व शव को एम्बुलेंस से ले जाया गया।
बेऊर थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि मां-बेटी की संदिग्ध मौत के बाद सरकारी डॉक्टर से कोरोना जांच के लिए कहा गया तो बताया गया कि शव का कोरोना जांच नही होता है। इसके बाद परिजन शव को पोस्टमार्टम नहीं कराना चाह रहे थे। इसके बाद दाह संस्कार के लिए परिजन ले गए। पीड़ित परिवार में राजेंद्र सिंह व उनके नाती का कोरोना जांच कराया जाएगा ।
वहीं पीएचसी प्रभारी फुलवारी डा.ॅ आर के चौधरी ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है लेकिन शवों का कोरोना जांच नहीं कराया जाता है। पुलिस को पोस्टमार्टम कराना चाहिए था। बहरहाल मामला जो भी हो, हुलास विहार में एक साथ मां-बेटी की मौत कोरोना से होने को लेकर दहशत का माहौल है।

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