आजादी के अदभुत दिवाने थे नेताजी : डॉ. अखिलेश

पटना। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आजादी के दिवाने थे जिनका नारा “तुम मुझे खून दो-मैं तुझे आजादी दूँगा” आज भी जन-जन को रोमांचित करता है।  आई.सी.एस. परीक्षी पास करने के बावजूद उन्होंने सरकारी सेवा छोड़कर आजादी के लिए संघर्ष करने का रास्ता चुना। देश और कांग्रेस पार्टी में उनकी लोकप्रियता की मिशाल आज भी दी जाती है क्योंकि तमाम विरोध के बावजूद वे दो बार 1938 एवं 1939 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। उनकी लोकप्रियता को देखकर ही महात्मा गांधी ने उन्हें नेताजी की उपाधि दी थी। ये बातें बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने नेताजी के 127 वीं जयंती के अवसर पर भेजे अपने संदेश में कही। मालूम हो कि नेताजी की जयंती पूरे देश में पराक्रम दिवस के रूप में मनायी जाती है। डॉ. सिंह ने कहा कि राष्ट्र के लिए नेताजी का समर्पण अदभुत था यह बात कल्पना से परे लगती है कि अंग्रेजो से जबरन आजादी छीनने के लिए उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आजाद हिन्द फौज खड़ी कर दी। पराक्रम दिवस के अवसर पर मंगलवार को पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में नेताजी की जयंती मनायी गयी। जहां कांग्रेसजनों ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वही इस अवसर पर जो लोग उपस्थित थे उनमे शामिल हैं डॉ. विनोद शर्मा, असितनाथ तिवारी, रीता सिंह, ज्ञान रंजन, अरविन्द लाल रजक, सिद्धार्थ क्षत्रिय, सुधा मिश्रा, रवि गोल्डन, मृणाल अनामय, विमलेश तिवारी, खुशबू कुमारी, सुदय शर्मा, यशवन्त कुमार चमन, मिहिर झा, डॉ. गौतम कुमार, सुनील कुमार सुमन।

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