11 महीने के अंदर दूसरी वारदात : दीघा में फ्लिपकार्ट ऑफिस से 3.50 लाख की लूट, जांच में जुटी पुलिस

पटना। राजधानी में यह 11 महीने में दूसरी बार हुई वारदात हैं। वही एक बार फिर से ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट के ऑफिस में लूट हुई है। बता दे की दीघा के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित ऑफिस से 3.50 लाख रुपए हथियार के बल पर लूट लिए गए हैं। वही इस वारदात को 4 अपराधियों ने मिलकर अंजाम दिया है। पहले वो ऑफिस में घूसे। फिर अंदर से वहां का शटर गिराया। वहां के हर स्टाफ को डराया-धमकाया और फिर कैश लूटने के बाद ऑफिस में लगे सीसीटीवी का DVR मशीन भी अपराधी लूट ले गए। वही जब इस बात की जानकारी दीघा थाना की पुलिस को हुई तो हड़कंप मच गया। वही इस वारदात की जानकारी सीनियर SP मानवजीत सिंह ढिल्लों तक पहुंच गई। इसके बाद पुलिस की तरफ से जांच के लिए टीम बना दी गई।
रविवार की शाम का है मामला
वही यह पूरी कैश लूट की यह वारदात रविवार की शाम का है। लेकिन सोमवार को यह मामला सामने आया। लूट के इस मामले को दबाने की कोशिश हुई है। वही फ्लिपकार्ट से जुड़े लोग इस मामले पर कुछ बोलने से बच रहे हैं। थाना स्तर पर भी इस बारे में कुछ बताया नहीं जा रहा था। वही दोपहर में जब SSP से बात की गई तो उन्होंने इसे कंफर्म किया। साथ ही बताया कि पटना पुलिस की नजर में कैश लूट का यह मामला संदेहास्पद है। वही फ्लिपकार्ट ऑफिस में रविवार की शाम 6 बजे कैश लूट हुई। मगर पुलिस को जानकारी ठीक 1 घंटे बाद दी गई। वही SSP के अनुसार शाम 7 बजे के करीब वहां के स्टाफ के द्वारा दीघा थाना लिखित रूप से 3.50 लाख रुपए कैश लूटे जाने की सूचना दी गई। अब सवाल है कि पुलिस को सूचना देने में देरी क्यों की गई? संदेह की यह पहली वजह है। दूसरी वजह ये है कि लूट से संबंधित किसी प्रकार का एविडेंस भी पुलिस को नहीं दिया गया। सीसीटीवी है पर उसका DVR मशीन नहीं है। वहां के स्टाफ दावा कर रहे हैं कि अपराधी उसे अपने साथ ले गए। वही इस कैश लूट के पीछे संदेह होने का पुलिस ने तीसरी और बड़ी वजह भी गिना दी है। दरअसल अब से 11 महीने पहले 9 जनवरी को इसी ऑफिस में अपराधियों ने हथियार के बल पर करीब 12 लाख रुपए लूट लिए थे। SSP के अनुसार उस वक्त भी किसी प्रकार का कोई एविडेंस नहीं दिया गया था। इसी बार भी ऐसा ही हुआ। लेकिन एक अलग बात जरूर हुई थी। इंश्योरेंस के रुपयों के लिए कंपनी की स्टाफ के तरफ से क्लेम किया गया था। शक है इस बार भी ये लोग क्लेम करेंग। ऐसे में संदेह है कि कहीं इंश्योरेंस के रुपयों के लिए तो ऐसा नहीं किया गया है? फिलहाल कैश लूट के इस मामले की जांच चल रही है।

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