February 6, 2025

राज्यपाल से मिलने अचानक राजभवन पहुंचे नेता प्रतिपक्ष, कई मामलों में सौंपा ज्ञापन

पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बुधवार सुबह अचानक पटना स्थित राजभवन पहुंचे, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई। उनके इस अचानक दौरे को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। लोग यह कयास लगाने लगे कि क्या तेजस्वी कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठाने वाले हैं या यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात थी। तेजस्वी यादव का अचानक राज्यपाल से मिलने पहुंचना कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे रहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपना था। बिहार में हाल के दिनों में अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसे लेकर नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की। तेजस्वी यादव ने अपने हालिया दौरों के दौरान जनता से मिली शिकायतों का जिक्र किया और कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। उन्होंने राज्यपाल को इस बारे में जानकारी दी और सरकार पर उचित कार्रवाई करने का दबाव बनाने का आग्रह किया।
सियासी गलियारों में बढ़ी चर्चा
तेजस्वी यादव के इस कदम से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। उनके अचानक राजभवन जाने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह बिहार की वर्तमान सरकार के खिलाफ विपक्ष की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जबकि कुछ इसे मात्र एक औपचारिक मुलाकात मान रहे हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब तेजस्वी यादव राज्यपाल से मिले हैं। इससे पहले भी वे नए साल के अवसर पर राज्यपाल से मुलाकात कर चुके हैं, तब भी इस बैठक को लेकर कई राजनीतिक अटकलें लगाई गई थीं।
राज्यपाल और राबड़ी देवी की मुलाकात
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी को जन्मदिन की बधाई देने उनके आवास पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी और उन्हें नए साल की शुभकामनाएं दी थीं। इस मुलाकात के बाद अब तेजस्वी यादव का अचानक राजभवन जाना, राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बढ़ते अपराध और तेजस्वी का रुख
बिहार में हाल ही में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे जनता के बीच असंतोष बढ़ रहा है। विपक्ष लगातार सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहा है। तेजस्वी यादव ने भी कई बार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं और इसे जनता के साथ अन्याय करार दिया है। तेजस्वी ने अपने ज्ञापन में बिहार में बढ़ती लूट, हत्या, अपहरण और अन्य आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया और राज्यपाल से इस पर संज्ञान लेने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार इस स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
राज्यपाल की भूमिका और संभावित फैसले
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्यपाल इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं। हालांकि, राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है और वे सीधे तौर पर राज्य सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते, लेकिन वे इस मामले को संज्ञान में लेकर सरकार से रिपोर्ट मांग सकते हैं या उचित कार्रवाई के निर्देश दे सकते हैं। तेजस्वी यादव का अचानक राजभवन पहुंचना निश्चित रूप से बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर बिहार में बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई है और इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है और राज्यपाल इस ज्ञापन पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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