BIHAR : ड्राईविंग टेस्टिंग ट्रैक के लिए 17 जिलों में जमीन चिन्हित, निर्माण के लिए दिए जाऐंगे अधिकतम प्रति जिले 50-75 लाख

पटना। बिहार में ड्राईविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण के लिए नालंदा, भोजपुर, कैमूर, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत 17 जिलों में जमीन चिन्हित कर लिया गया है। इसके साथ ही जिलों द्वारा उपलब्ध कराए गए इस्टिमेट पर अधिकतम मान्य राशि के अंदर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण कार्य हेतु कई जिलों में एजेंसी का चयन एवं टेंडर की प्रक्रिया जारी है।
योजना के प्रगति की प्रतिदिन रिपोर्ट लें
सोमवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक योजना के प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया एवं जिलावार योजना की मॉनिटरिंग का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजना के प्रगति की प्रतिदिन जिलों से रिपोर्ट प्राप्त करें।
ससमय कार्य पूर्ण हो
परिवहन सचिव ने बताया कि सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए त्रुटिमुक्त चालन दक्षता जांच हेतु ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण किया जाना है। पटना एवं औरंगाबाद में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चालन जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है।
सीतामढ़ी, मोतीहारी, किशनगंज, मधुबनी, पूर्णिया, नालंदा, कटिहार, कैमूर, सारण, बांका, बेतिया, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, जहानाबाद, नवादा और मधेपुरा जिला में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण हेतु जमीन चिन्हित करते हुए उपलब्ध कराए गए इस्टिमेट पर अधिकतम मान्य राशि (जिलानुसार 50-75 लाख रुपए) के अंदर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। परिवहन सचिव ने कहा कि ससमय कार्य पूर्ण हो सके, इसके लिए विभाग के वरीय पदाधिकारी जिला पदाधिकारी, संबंधित विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्य आरंभ होने के बाद एजेंसी से समन्वय स्थापित करेंगे।
समीक्षा बैठक में परिवहन सचिव श्री अग्रवाल के साथ अपर सचिव परिवहन विभाग सन्नी सिन्हा, संयुक्त सचिव पंकज कुमार, उपसचिव शैलेंद्रनाथ, विशेष कार्य पदाधिकारी आजीव वत्सराज एवं सड़क सुरक्षा परिषद के पदाधिकारी उपस्थित थे।


सड़क दुर्घटनाओं में आएगी कमी : मंत्री
परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से कुशल वाहन चालक को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकेगी।

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