शीर्ष अदालत से अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, याचिका पर तुरंत सुनवाई से कोर्ट का इनकार

  • सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को जारी किया नोटिस: 23 तक मांगा जवाब, अगली सुनवाई 29 को

नई दिल्ली। कथित शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत के लिए अभी और इंतजार करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी करते हुए 24 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर अब महीने के अंत में बहस होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिसमें उन्होंने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने केंद्रीय जांच एजेंसी को 24 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत अब केजरीवाल मामले पर 29 अप्रैल को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
केजरीवाल ने मामले को सुनवाई के लिए 19 अप्रैल को ही सूचीबद्ध करने की थी मांग
केजरीवाल के वकील ने मामले को सुनवाई के लिए 19 अप्रैल को ही सूचीबद्ध करने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया और मामले को सुनवाई के लिए 29 अप्रैल को सूचीबद्ध किया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि केजरीवाल ने शराब नीति घोटाले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली थी, जिसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
दिल्ली हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत
लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी उस याचिका को खारिज करते हुए राहत देने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा था कि बार-बार समन भेजने के बावजूद केजरीवाल के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं होने और जांच में शामिल नहीं होने से जांच एजेंसी के पास कोई खास विकल्प नहीं बचा था। उच्च न्यायालय ने दिल्ली सीएम की याचिका खारिज करते समय निदेशालय के इस दावे का भी हवाला दिया था कि केजरीवाल अपराध से हुई आय के उपयोग और उसे छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ‘आम और खास व्यक्ति’ के खिलाफ जांच अलग-अलग नहीं हो सकती।
21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार एवं धनशोधन से संबंधित है। संबंधित नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। धन शोधन रोधी एजेंसी की दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से उच्च न्यायालय के इनकार के कुछ ही घंटे बाद प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।

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