श्रवण नक्षत्र के सुयोग में कर्मा-धर्मा एकादशी कल, बहनें अपने भाईयों की सलामती के लिए करेंगी व्रत व पूजा
पटना। भाद्रपद शुक्ल एकादशी को कर्मा-धर्मा एकादशी का व्रत मनाया जाएगा। व्रत करने वाले श्रद्धालु नहाय-खाय कर शुद्ध व सात्विक भोजन किए। यह व्रत भाई की सलामती के लिए बहनें पूरे विधि-विधान से करती है। कर्मा एकादशी का पर्व शुक्रवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र तथा आयुष्मान योग में मनाया जाएगा। नक्षत्रों के श्रेणी में श्रवण नक्षत्र 22वां नक्षत्र होता है। यह पर्व बिहार, झारखंड के अलावे बंगाल, असम, ओड़िशा तथा छत्तीसगढ़ में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बहनें अपने भाईयों के सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की करती हैं।
भगवान विष्णु लेंगे करवट
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल हरिशयन एकादशी को भगवान विष्णु चार मास के लिए क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। कल भाद्रपद शुक्ल कर्मा एकादशी को करवट लेंगे और देवोत्थान एकादशी को निंद्रा से जागृत होते हैं। कल एकादशी तिथि सुबह 08:34 बजे तक है, लेकिन उदयातिथि के मान से पूरे दिन-रात एकादशी ही होगी। अगले दिन भाद्रपद शुक्ल द्वादशी को सूर्योदय के बाद व्रती उपवास का पारण करेंगी।
बनेगी नारायण की प्रतिमा
कुश तथा राढ़ी घास से भगवान नारायण की प्रतिमा बनाकर रोली, चंदन, फूल, दूर्वा, धुप-दीप व फल नैवेद्य आदि से पूजा की जायेगी। इसके अलावे गौरी-गणेश, शंकर की भी विधिवत पूजा होगी। भाई अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेंगे। यह पूजा नदी, पोखर या घरों में भी किया जायेगा। कल एकादशी की रात महिलाएं कीर्तन-भजन, पारंपरिक लोकगीत गाकर रात्रि जागरण तथा उत्सव मनायेंगी। शनिवार को द्वादशी में पूजित सामग्री को विसर्जित कर व्रत का पारण करेंगी।