राजनीतिक पार्टी के रूप में आज स्थापित होगा जन सुराज, एक करोड़ से अधिक प्राथमिक सदस्य बनाएंगे दल
- इंडिया और एनडीए की बढ़ेगी टेंशन: पीके के साथ जुड़ेंगे कोई दिग्गज नेता
पटना। चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) बिहार के गांवों को ढाई साल घूमने के बाद आज अपनी पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं। पीके ने ऐलान किया है कि पार्टी की लॉन्चिंग के बाद भी जन सुराज पदयात्रा जारी रहेगी। बिहार में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा, अब पीके की पार्टी की तस्वीर क्या होगी, कौन प्रमुख चेहरे होंगे और सूबे की सियासत में यह नया दल कितनी और कैसे जगह बना पाएगा? ये तमाम सवाल लोगों के जेहन में उठ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा था कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन पार्टी के नाम, नेता, नेतृत्व परिषद व संविधान की घोषणा होगी। पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में कार्यक्रम आयोजित करवाया गया है। पीके की जन सुराज पार्टी में नेताओं के साथ ही पूर्व अधिकारियों तक, समाज के हर वर्ग के लोग जुड़े हैं। जन सुराज से जुड़े कद्दावर चेहरों की बात करें तो केंद्र में मंत्री रह चुके डीपी यादव, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सांसद छेदी पासवान, पूर्व सांसद पूर्णमासी राम से लेकर मोनाजिर हसन तक, कई बड़े नेता जन सुराज से जुड़ चुके हैं। वहीं, जब से प्रशांत किशोर ने राजनीतिक दल बनाने का ऐलान किया है और पदयात्रा निकाली है, तब से वह लगातार महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाने की बात करते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बापू के ‘जन सुराज’ की संकल्पना को साकार करने की सोच के साथ वह अपनी पार्टी का नाम जन सुराज पार्टी रख सकते हैं. जहां तक चुनाव चिह्न की बात है तो मुमकिन है कि राष्ट्रपिता से प्रेरणा लेते हुए ‘छड़ी’ या फिर ‘चरखे’ को चुनाव चिह्न बना सकते हैं। इधर, राजनीतिक दल के गठन से पहले ही प्रशांत किशोर ने अपनी इरादे जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर होने उपचुनाव में दावेदारी का फैसला किया है। चारों सीटों पर उनकी पार्टी उम्मीदवार खड़ा करेगी। पीके ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि इस उपचुनाव में हम बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। प्रशांत किशोर की पदयात्रा 17 जिले में हो चुकी है और प्रशांत किशोर ने पदयात्रा को अगले कुछ सालों तक जारी रखने का फैसला लिया है। वह हर पंचायत में जा रहे हैं और वहां के लिए विकास का मॉडल तैयार कर रहे हैं। वह अब तक 5500 से अधिक गांवों की यात्रा कर चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने दल बनाने के बाद भी यात्रा जारी रखने का फैसला किया है।