सीएम नीतीश बोले- अब राज्य के युवाओं में कृषि के प्रति लगाव बढ़ा, 8 से 10 पंचायतों के लिये बनेगा एक पशु अस्पताल

  • 889.26 करोड़ रुपए की बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों का शिलान्यास एवं कार्यारंभ

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में 889.26 करोड़ रुपए की विश्वविद्यालय के नये भवनों का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया तथा आधारशिला रखकर कार्यारंभ किया। इस अवसर पर दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान के आॅडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कहीं भी पशुओं का कोई विश्वविद्यालय नहीं था। पशुओं के नाम पर हमलोगों ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बिहार में बनाया है। अब सुन रहे हैं कि कई जगहों पर इस पर काम होने लगा है। बहुत लोग कहते हैं कि बिहार में कोई काम ही नहीं रहा है, जबकि हमलोगों ने बिहार में कई अच्छे काम किये हैं, जिसकी चर्चा नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि यहां के भवन के निर्माण से संबंधित जो प्रस्तुतीकरण दिखाया गया है। उम्मीद है कि उसी के अनुरूप बेहतर ढंग से भवन बनाया जायेगा।


सीएम नीतीश ने कहा कि पूसा के राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया गया, जिसके लिए हमलोगों ने काफी प्रयास किया था। वर्ष 2010 में भागलपुर के सबौर में कृषि विश्वविद्यालय शुरू किया गया। अनेक जगहों पर कई इंस्टीट्यूशन का निर्माण कराया गया। पटना में एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय पहले से था, इसके अलावा किशनगंज में डॉ. साहब के नाम पर एक कृषि महाविद्यालय बनाया गया, जिसमें फिशरीज कॉलेज और वेटनरी कॉलेज भी बनाया गया है। यह सब बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। पशुओं की चिकित्सा का भी कार्य किया जा रहा है। हमलोगों ने कृषि के विकास को लेकर कृषि विशेषज्ञों एवं किसानों की सलाह से कृषि रोड मैप बनाया। अभी तीसरा कृषि रोड मैप लागू है। उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण अच्छे ढंग से जल्द कराएं ताकि पढ़नेवाले और पढ़ानेवालों को सहूलियत हो। विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण के अंतर्गत अकादमिक एवं प्रशासनिक भवन, आधुनिक पशु चिकित्सालय एवं पशु प्रजनन केंद्र, किसान प्रशिक्षण केंद्र और छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल एवं खेल परिसर का निर्माण कराया जायेगा। विश्वविद्यालय के कर्मियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कराया जाएगा ताकि उन्हें कोई असुविधा नहीं हो।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने छात्र-छात्राओं को कृषि की पढ़ाई करने के लिये प्रेरित किया। पहले एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिये बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें राज्य के बाहर पढ़ने जाती थीं। अब राज्य के युवाओं में कृषि के प्रति लगाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि लड़के-लड़कियों को प्रतिमाह 2 हजार रुपये की सहायता तथा किताब-कॉपी के खर्च के लिये सालाना 6 हजार रुपए की मदद सरकार द्वारा की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप के कारण राज्य में चावल, गेहूं, मक्का और दूध का उत्पादन बढ़ा है। अंडा का उत्पादन लगभग ढाई गुना हो गया है। मांस उत्पादन दुगुना से भी ज्यादा हो गया। मछली उत्पादन का लक्ष्य 8 लाख मीट्रिक टन का रखा था, जिसमें से 7 लाख 61 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है। बिहार में बाहर से मछली नहीं के बराबर आती है। अब मछली बिहार से बाहर भी भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि सब्जी का उत्पादन भी बढ़ा है। शराबबंदी के कारण सब्जी की अधिक खपत हो रही है और लोग बेहतर खाना खा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 के तहत 8 से 10 पंचायतों के लिये एक पशु अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि पशुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो। पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा, टीकाकरण, कृत्रिम गभार्धान, कृमिनाशन, डोर स्टेप डिलीवरी आदि कार्यों की व्यवस्था की जा रही है। हमलोगों का उद्देश्य है कि सही मायने में लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो, स्वभाव बेहतर हो, बिहार का विकास हो। उन्होंने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का भवन बेहतर ढंग से बनेगा तो जो भी बाहर से आकर देखेंगे वो इससे प्रभावित होंगे। यहां पढ़नेवाले बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे। विश्वविद्यालय को किसी प्रकार के सहयोग की जरूरत होगी तो मदद की जाएगी।
कार्यक्रम के पूर्व बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को निर्माण कराए जानेवाले भवन के डमी आर्किटेक्ट के माध्यम से मास्टर प्लान की जानकारी दी। कार्यक्रम के पूर्व मुख्यमंत्री ने दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में दशरथ मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमंत्री का स्वागत पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने पौधा एवं स्मृति चिह्न भेंटकर किया। कार्यक्रम की शुरूआत छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना कर की गई।
इस अवसर पर विधायक संजीव चौरसिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विशेष सचिव केशवेंद्र, कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक शिखा श्रीवास्तव, बिहार पशु कुमार, विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव कैप्टन बंदोपाध्याय सहित अन्य शिक्षक, पशु वैज्ञानिक, पशु चिकित्सक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

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