बिहार में बैंक एसोसिएशन ने CM को पत्र लिखकर की बड़ी मांग, बढ़ते संक्रमण के कारण हर शनिवार बैंक रहे बंद

पटना। कोरोना काल में बैंकों में संक्रमण बढ़ गया है। हर दिन किसी न किसी बैंक में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा रहा है। अब बैंकों ने कोरोना काल में हर शनिवार को बंदी की मांग की है। CM को पत्र लिखकर बैंकों ने कोरोना से बैंक कर्मियों और उनके परिवार को बचाने की मांग की। द बिहार स्टेट इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन ने CM नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बैंक कर्मियों और उनके परिवार को बचाने की मांग की। सीएम को भेजे पत्र में 4 मांगें की गई है। ताकि बैंक कर्मियों और परिवार वालों को कोरोना से बचाया जा सके। एसोसिएशन ने कहा है, COVID-19 महामारी के बीच बैंककर्मी काम कर रहे हैं। COVID-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए बैंक कर्मियों का काम किया जा रहा है। इस गंभीर स्वास्थ्य संकट के माहौल में बैंक कर्मचारी प्रतिदिन बिहार के लोगों को निर्बाध बैंकिंग सेवा प्रदान कर रहे हैं। इसमें समाज के गरीब वर्ग को सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण का वितरण भी शामिल है।

ऋण वितरण के दौरान हो रही भीड़

ऋण वितरण के दौरान काफी समस्या हो रही है। बैंक कर्मचारियों के लिए दिन-ब-दिन बहुत जोखिम भरा हो जाता है, क्योंकि शाखा परिसर के अंदर भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पाता है। विशेष रूप से लाभार्थियों को सीधे सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण के वितरण के दौरान तो और समस्या बढ़ जा रही है। बैंक कर्मचारी स्वास्थ्य के बड़े जोखिम के बाद भी लाभार्थियों को ईमानदारी से सेवाएं दे रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि राज्य के बैंक कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य अब बहुत चिंतित हैं, क्योंकि अधिक से अधिक बैंक कर्मचारी प्रतिदिन COVID-19 से संक्रमित हो रहे हैं।

बैंक एसोसिएशन ने यह की है मांग

जनरल सेक्रेटरी उत्पल कांत ने सीएम को भेजे पत्र में कहा है कि कोरोना के ऐसे हालात को देखते हुए यह मांग की है कि बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी ध्यान दिया जाए। इसके लिए बैंक शाखाओं के काम का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सीमित किया जाए। बैंक शाखाएं 50% कर्मचारियों के साथ काम करने को लेकर व्यवस्था बनाई जाए। बैंक प्रत्येक शनिवार को बंद किया जाए। स्थानीय प्रशासन द्वारा शाखा परिसर के अंदर और बाहर सोशल डिस्टेंस के लिए आवश्यक गाइडलाइन का पालन कराया जाए। सीएम से एसोसिएशन ने कहा कि सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ ही बचाव हो सकता है।

About Post Author

You may have missed