सिक्किम में हिंदी सलाहकार समिति की बैठक में बोले RCP : राजभाषा हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा दें

पटना। केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने शनिवार को सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात कर राज्य के विकास पर चर्चा की। श्री तमांग ने सिक्किम को योग हब बनाने और राज्य को बुद्ध सर्किट से जोड़ने की अपनी दिली मंशा से अवगत कराया। श्री सिंह ने उनके इस लक्ष्य की शीघ्र पूर्ति की शुभकामना दी और स्टील इंडस्ट्री की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
13 मई की संध्या को गंगटोक सिक्किम में आयोजित इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक इस्पात मंत्री रामचन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस्पात मंत्री ने सभी सदस्यों द्वारा मंत्रालय और उपक्रमों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए दिए गए सुझावों का स्वागत किया। उन्होंने सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए रचनात्मक सुझावों पर यथोचित व यथाशीघ्र कार्रवाई की जाएगी। इस्पात मंत्री ने सर्वोच्च प्रति व्यक्ति आय और जैविक कृषि के लिए सिक्किम राज्य की प्रशंसा की।
उन्होंने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को अपनी मातृभाषा और राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें सरकारी कामकाज में सरल और सुगम हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए और अवकाश आवेदन जैसे दस्तावेज राजभाषा हिंदी में दिए जाएं। उन्होंने राजभाषा हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने हिंदी में साफ-साफ और पूरे हस्ताक्षर करने पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर इस्पात मंत्री ने संबंधित उपक्रमों में कार्यालय के दैनिक काम-काज में राजभाषा में कार्य करने के प्रति समर्पित अधिकारियों व कर्मचारियों को राजभाषा निष्ठा सम्मान पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर इस्पात मंत्री एवं इस्पात राज्य मंत्री द्वारा द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आरआईएनएल (सुगंध), एनएमडीसी (खनिज भारती) और सेल (इस्पात भाषा भारती) की गृह पत्रिकाओं का विमोचन किया गया।
आज श्री सिंह ने भारतीय सेना कैंप, नाथुला का भी दौरा किया। नाथुला हिमालय की चोटियों में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है, जो सिक्किम को चीन को जोड़ता है। समुद्र तल से 14450 फीट ऊपर भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित नाथूला दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक है। नाथुला भारत और चीन के बीच तीन खुली व्यापारिक सीमा चौकियों में से एक है और अपनी सुरम्य सुंदरता और सुंदर वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।

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