मुख्यमंत्री के विवादित बयान पर मुजफ्फरपुर कोर्ट में सुनवाई टली, 1 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

मुजफ्फरपुर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सेक्स वाले बयान पर आज मुजफ्फरपुर की सीजीएम कोर्ट में होनेवाली सुनवाई टल गई है। इस मामले में अब एक दिसम्बर को अगली सुनवाई होगी। परिवादी सह अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी है। जस्टिस पंकज कुमार लाल की अध्यक्षता में ये सुनवाई होगी। वकील के मुताबिक, मामले में नीतीश को तीन साल की सजा हो सकती है। 7 नवंबर को नीतीश कुमार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जनसंख्या नियंत्रण पर बोल रहे थे। इस दौरान इन्होंने ऐसा कुछ कहा कि हम यहां लिख भी नहीं सकते। इस बयान को लेकर कई नेताओं और लोगों ने आपत्ति जताई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे लेकर नीतीश पर महिलाओं के अपमान का आरोप लगाया था। हालांकि, अपने बयान को लेकर सीएम नीतीश ने अगले दिन यानी 8 नवंबर को माफी भी मांगी थी। उसके बावजूद उनके खिलाफ मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में वकील अनिल कुमार सिंह उनके खिलाफ परिवाद दायर किया गया। याचिकाकर्ता और वकील अनिल कुमार सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन के अंदर महिलाओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी। उन्होंने ऐसा बयान दिया था, जिसे सरेआम बोला नहीं जा सकता है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में उनकी बोली, बोलने का इशारा और हावभाव हर जगह प्रसारित हुआ। इसी बात को लेकर मैंने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान सबसे पहला पॉइंट यही होगा कि मेरा केस मेंटेनेबल है या नहीं है। इस पर आज कोर्ट में बहस होगी। मेरा मानना है कि जो सुप्रीम कोर्ट का डिसीजन है, उसके तहत निश्चित रूप से उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए। भारतीय संविधान एमपी और एमएलए को प्रोटेक्ट करता है कि सदन के अंदर कोई टीका टिप्पणी करने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। वकील अनिल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का भी डिसीजन है कि बिना स्पीकर के आदेश के कोई एफआईआर नहीं हो सकता है, लेकिन मैंने शिकायत दर्ज करवाया है। दूसरा पहलू यह है की घटना का स्थल मैंने सदन का नहीं दिया है। जब सोशल मीडिया पर कोई भी चीज प्रसारित होती है, तो हम जहां होते हैं वहीं देखते हैं। घटना स्थल मुजफ्फरपुर है। मैंने सदन का नाम दिया ही नहीं है। याचिकाकर्ता ने कहा कि नीतीश कुमार को निश्चित रूप से सजा मिलनी चाहिए और मिलेगी। इसमें उनको तीन साल तक की सजा हो सकती है। हालांकि विवाद बढ़ने पर नीतीश कुमार ने 8 नवंबर को कहा कि अगर उनकी किसी बात से किसी को कोई ठेस पहुंची है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं। मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान और बाद में विधानसभा के अंदर भी नीतीश ने कहा, ‘अगर मेरी किसी बात को लेकर तकलीफ हुई है तो मैं अपनी बात को वापस लेता हूं और मैं अपनी निंदा करता हूं तथा दुख प्रकट करता हूं।

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