भारत का चीन पर डिजिटल स्ट्राइक, प्रोपेगेंडा फैलाने वाले ग्लोबल टाइम्स का अकाउंट भारत में बैन

नई दिल्ली। भारत सरकार ने बुधवार को चीन पर डिजिटल मोर्चे पर कड़ा प्रहार करते हुए उसके सरकारी समाचार माध्यम ‘ग्लोबल टाइम्स’ के सोशल मीडिया हैंडल को देश में प्रतिबंधित कर दिया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब ग्लोबल टाइम्स पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के दौरान भारतीय सेना को लेकर झूठी और अपुष्ट खबरें फैलाने का गंभीर आरोप लगा। ग्लोबल टाइम्स, जो चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र माना जाता है, लंबे समय से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने के लिए जाना जाता है। लेकिन इस बार उसने भारत-पाकिस्तान के संवेदनशील रिश्तों के बीच एक कदम और आगे बढ़ते हुए भारत की वायुसेना को लेकर फर्जी जानकारी प्रसारित की, जिसके बाद भारत सरकार को यह सख्त कदम उठाना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, यह मामला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शुरू हुआ। पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर कुछ फर्जी रिपोर्ट्स प्रसारित की गईं, जिनमें दावा किया गया कि भारतीय वायुसेना का एक राफेल लड़ाकू विमान बहावलपुर के पास मार गिराया गया है। इन दावों को ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में न केवल प्रमुखता से जगह दी, बल्कि उसे एक प्रकार से सत्य के रूप में प्रचारित किया। इन झूठे दावों की पोल उस समय खुली जब भारत सरकार की PIB Fact Check टीम ने वायरल हो रही तस्वीरों और खबरों की सच्चाई सामने रखी। टीम ने स्पष्ट किया कि जिस विमान दुर्घटना की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वे 2021 में पंजाब के मोगा जिले में हुए एक MiG-21 हादसे की हैं और इनका वर्तमान ऑपरेशन सिंदूर या राफेल विमान से कोई लेना-देना नहीं है। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए ग्लोबल टाइम्स को आधिकारिक चेतावनी जारी की थी। दूतावास ने कहा, कृपया किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी पोस्ट करने से पहले तथ्यों की जांच करें और अपने स्रोतों की पुष्टि करें।” इसके बावजूद जब झूठे दावों को प्रचारित करना जारी रखा गया, तो भारत सरकार ने डिजिटल कार्रवाई करते हुए ग्लोबल टाइम्स के X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल को भारत में ब्लॉक कर दिया। यह कदम चीन से पहले पाकिस्तान के खिलाफ भी उठाया जा चुका है, जब भारत ने कुछ पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया अकाउंट्स को बैन किया था जो भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने में लिप्त थे। डिजिटल मंचों पर गलत सूचना फैलाने के विरुद्ध भारत सरकार की यह सख्ती यह दर्शाती है कि देश अब सूचना युद्ध के इस युग में अपनी सीमाओं की रक्षा सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि वर्चुअल स्पेस में भी पूरी मुस्तैदी से कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाइयां न केवल विदेशी दुष्प्रचार को रोकने के लिए आवश्यक हैं, बल्कि देश की जनता को सटीक और विश्वसनीय जानकारी तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी हैं। सरकार की यह डिजिटल स्ट्राइक एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब किसी भी प्रकार की फर्जी खबरों, विशेषकर जो देश की सुरक्षा या अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़ी हों, को बर्दाश्त नहीं करेगा।
