गंगा घाट किनारे या रास्ते मे ठेला-खोमचा लगाने की मनाही

पटना (आनंद केसरी)। नासरीगंज घाट से गायघाट तक सभी घाटों का निरीक्षण डीएम कुमार रवि के द्वारा किया गया। किया। इस क्रम में छठ घाटों पर जो भी कमियां दृष्टिगोचर हुई, उन्हें दो घंटे के अंदर दूर करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि गायघाट के इर्द-गिर्द गाड़ी को पार्किंग किया गया है, जिससे एप्रोच पथ बाधित हो गया। उन्होंने निर्देश दिया कि गायघाट पर किसी गाड़ी का पार्किंग नहीं होगा। अशोक राजपथ से दक्षिण की ओर बीएनआर ट्रेनिंग काॅलेज में गाड़ियों के लिए पार्किंग स्थल बनाया गया है, वाहनका पार्किंग वहीं होगा। साथ ही किसी भी घाट पर ठेला या खोमचा वाला नहीं रहेगा। किसी भी घाट का सजावट ऐसा नहीं रहेगा, जिससे एप्रोच पथ में बाधा पहुंचे। निरीक्षण के क्रम में पाया कि पूर्व निर्देश के आलोक में छठ घाटों के पहुंच पथ में पानी का छिड़काव कर मिट्टी को समतल कर दिया गया है। एडीएम के द्वारा आवश्यक सामग्रियों के साथ नदी गश्ती दल की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है तथा सभी अपने-अपने प्रतिनियुक्त स्थान पर मुस्तैद हैं।
सभी घाटों पर वाच टावर एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम कार्यरत है एवं सभी प्रतिनियुक्त कर्मी अपने-अपने प्रतिनियुक्त स्थल पर हैं। पटना नगर निगम एवं बुडको द्वारा सभी छठ घाटों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था कर दी गई है। साथ ही खतरनाक घाटों को बांस बल्ले से घेर कर उसे लाल कपड़े से चिन्हित कर दिया गया है। छठ घाटों पर पुरुष एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था उपयुक्त स्थल पर कर दी गई है तथा साईनेज लगा दी गई है। चेंजिंग रूम में मोटा रंगीन कपड़ा का उपयोग किया गया है, ताकि पारदर्शी न हो। घाटों पर साईनेज के माध्यम से भीड़ नियंत्रण/अफवाहों से बचने/किसी आपात स्थिति से निबटने इत्यादि हेतु महत्वपूर्ण निर्देशों एवं दूरभाष संख्या सहित व्यापक प्रचार-प्रसार कराया गया है। नगर निगम द्वारा घाटों की सफाई एवं बैरिकेडिंग आदि का पूर्व की भाँति कर ली गई है। घाटों की सफाई के क्रम में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव के साथ-साथ मच्छरों से बचाव हेतु फाॅगिंग की व्यवस्था की गई है। कलेक्ट्रेरियट घाट को विभिन्न रंगों से सजाया गया है। कलेक्ट्रेरियट घाट सीढ़ी बिलकुल नया बना है। प्रत्येक घाट का कलर कोडिंग किया गया है। उपयोगी घाटों को उजला और पीला कपड़ों से सजाया गया है, खतरनाक घाट को लाल कपड़ा से घेरा गया है। जन सुविधाओं से संबंधित जैसे-घाट पर जाने का रास्ता, छठ घाट का पार्किंग स्थल, सीसीटीवी कैमरा, नियंत्रण कक्ष, यात्री शेड, चेंजिंग रूम, पुरूष शैचालय, महिला शौचालय, पुरुष यूरिनल, महिला यूरिनल, वाच टावर को उजला एवं ब्लू रंग के फ्लैक्स से दर्शाया गया है। काली घाट में बालू का बड़ा टीला को काटकर गंगा जल का प्रवाह काली घाट में लाया गया है। काली घाट में गंदा पानी नहीं गिरे, इसलिए जाली लगाया गया है। अतिक्रमण को हटा कर एप्रोच पथ को चौड़ा किया गया है। गंगा चैनल के निर्माण होने के कारण अथवा नाला इत्यादि के कारण गंगा घाटों तक पहुंचने में होने वाली कठिनाईयों के दृष्टिगत कलेक्ट्रियट घाट, महेन्द्रू घाट सहित कई अन्य घाटों पर नगर निगम द्वारा ह्यूम पाईप पुलिया का निर्माण करा लिया गया है, ताकि छठ व्रतियों को छठ घाटों पर जाने-आने में कठिनाई नहीं हो। छठ व्रतियों की सुविधा हेतु वाटर एटीएम, वाटर टैंकर के साथ-साथ अस्थायी चापाकलों की व्यवस्था है। जिलाधिकारी ने सभी 21 सेक्टर के सेक्टर दंडाधिकारियों को निर्देश दिया कि छठ घाटों पर श्रद्धालुओं को किसी तरह की कठिनाई न हो, इसे ध्यान में रखा जाय।

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