प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु में तेजस के लड़ाकू विमान से भरी उड़ान, बोले- आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में भारत किसी से कम नहीं

बेंगलुरु। प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के दौरे के दौरान लड़ाकू विमान तेजस लड़ाकू में उड़ान भरी है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा की मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं। भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ और एचएएल के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। पीएमओ के मुताबिक, उन्होंने तेजस की मैन्यूफैक्चिरिंग हब का निरीक्षण किया। इससे पहले सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा था कि, ‘प्रधानमंत्री एचएएल की विनिर्माण सुविधा की समीक्षा करेंगे और दौरा करेंगे, जिसमें तेजस जेट की सुविधा भी शामिल है। भारतीय वायु सेना ने हाल ही में 12 उन्नत एसयू -30 एमकेआई लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सरकार के स्वामित्व वाली एचएएल को एक टेंडर जारी किया था। मोदी सरकार ने रक्षा तैयारियों को बढ़ाने और स्वदेशीकरण के लिए जो बड़े कदम उठाए हैं उनमें तेजस विमान भी शामिल है। विमान का पहला संस्करण 2016 में एयरफोर्स में शामिल किया गया था। वर्तमान में, IAF के दो स्क्वाड्रन, 45 स्क्वाड्रन और 18 स्क्वाड्रन LCA तेजस के साथ पूरी तरह से परिचालन में हैं। मोदी सरकार ने 83 एलसीए एमके 1ए विमानों की डिलीवरी के लिए एचएएल को 36,468 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है और इसकी डिलीवरी फरवरी 2024 तक होने की संभावना है। पीएम मोदी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं और उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे उनकी सरकार ने भारत में रक्षा विनिर्माण और उनके निर्यात को बढ़ावा दिया है।कई देशों ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है और अमेरिकी रक्षा दिग्गज जीई एयरोस्पेस ने प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान एमके-द्वितीय-तेजस के लिए संयुक्त रूप से इंजन बनाने के लिए एचएएल के साथ एक समझौता किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस साल अप्रैल में कहा था कि वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा था कि यह देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

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