चाहे कोई थोड़ा पिए या ज्यादा पिए पर शराब पीने से सिर्फ नुकसान ही होगा : मुख्यमंत्री

  • मांझी की मांग पर सीएम नीतीश ने दी प्रतिक्रिया, बोले- अगर वह इस तरह की बात कर रहे हैं तो आने दीजिये मैं उनसे पूछूंगा

पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी कानून को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बिहार में भी गुजरात मॉडल लागू किया जाए और परमिट पर शराब दिया जाए। इस पर सीएम नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि जीतन राम मांझी से मिलने पर इसको लेकर बात करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शराब पीने से सिर्फ नुकसान ही होगा। चाहे कोई थोड़ा पिए या ज्यादा पिए लेकिन अगर मांझी इस तरह की बात कर रहे हैं तो आने दीजिये मैं उनसे पूछूंगा। सीएम ने इतना तक कह दिया कि मांझी को जानकारी नहीं होगी मैं उन्हें शराब से होने वाले नुकसान को समझा दूंगा। वहीं बिहार यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि मैं कोई भी यात्रा फायदे के लिए नहीं करता हूं। मेरी ये यात्रा बिहार के विकास को लेकर है। इस यात्रा के ज़रिये ये जानने की कोशिश की जाएगी कि बिहार में कितना विकास हुआ है। अगर कहीं कोई कमी रह गई होगी तो उसे दूर करने की कोशिश की जाएगी।
निर्दोष को नहीं पकड़ना है बल्कि जो गलत हैं उनके खिलाफ एक्शन लेने का काम करना हैं : सीएम नीतीश
वहीं छपरा जहरीली शराब कांड को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इस मामले की गंभीरता से जांच हो रही है। घटना के तुरंत बाद ही मैंने अधिकारियों को तत्काल जांच करने को कहा था कि ये घटना कैसे घटी। सीएम ने कहा है कि अब जो गड़बड़ करेगा उसका क्या करेंगे? ज्यादा लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग गलत काम करते हैं। कोई बाहर से शराब लेकर आ रहा है तो कोई राज्य में छिपकर गलत काम कर रहा है। मैंने ये भी कहा है कि निर्दोष को नहीं पकड़ना है बल्कि जो गलत हैं उनके खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश दिया है। साल 2022 के समाप्ति के एक दिन पहले यानी शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शराबबंदी पर सरकार को घेरा। उन्होंने शराबबंदी को लेकर गुजरात मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि बिहार में भी परमिट पर शराब मिलने की व्यवस्था होनी चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन एक ही बात को बार-बार कहने में ठीक नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए।

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