सहरसा में पोखर में डूबने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत, 2 घंटे बाद निकाला शव, परिवार में पसरा मातम

सहरसा। बिहार के सहरसा जिले में एक दर्दनाक हादसे में दो मासूम बच्चों की जान चली गई। यह दुखद घटना काशनगर थाना क्षेत्र के असनही वार्ड नंबर 10 में घटित हुई। स्थानीय पोखर में डूबने से एक भाई-बहन की मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में मातम छा गया। घटना सोनवर्षा राज प्रखंड क्षेत्र में स्थित एक पोखर में हुई। मृत बच्चों की पहचान अभिषेक कुमार और खुशबू कुमारी के रूप में हुई है। अभिषेक के पिता सचिन मुखिया मजदूरी के सिलसिले में दिल्ली में हैं, जबकि खुशबू के पिता अनिल मुखिया गांव में ही रहते हैं। मिली जानकारी के अनुसार, खुशबू शौच के लिए घर के पास स्थित पोखर के किनारे गई थी। इसी दौरान पैर फिसलने से वह पानी में गिर गई और गहरे पानी में डूबने लगी। वहां मौजूद उसके चचेरे भाई अभिषेक ने जैसे ही यह देखा, उसने तुरंत खुशबू को बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश वह खुद भी गहरे पानी में चला गया।
बहन के शोर मचाने के बाद गांव में मची हलचल
जब यह घटना घटी, तब खुशबू की बड़ी बहन सपना भी आसपास ही थी। उसने अपने भाई और बहन को डूबता देखा तो घबराकर जोर-जोर से चिल्लाने लगी। सपना की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने मिलकर बच्चों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन पानी की गहराई ज्यादा होने के कारण उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी।
दो घंटे बाद मिले शव
ग्रामीणों ने करीब दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बच्चों को पोखर से बाहर निकाला। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दोनों बच्चों की सांसें थम चुकी थीं। इस दुखद हादसे से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। खुशबू के माता-पिता का विलाप देख गांव के लोग भी गमगीन हो गए।
पुलिस ने की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही काशनगर थानाध्यक्ष विक्की रविदास अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शवों को परिजनों को सौंप दिया गया।
गांव में शोक का माहौल
इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। बच्चों की मौत से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव के लोग शोक में डूबे हुए हैं। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह हादसा सभी के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों को जल स्रोतों के पास अकेला नहीं जाने देना चाहिए। यह घटना इस बात की भी ओर इशारा करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।

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