त्रिपुष्कर योग में 2 नवंबर को धनतेरस, पूरे दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त

  • धनतेरस से शुरू होगा पंचदिवसीय दीपोत्सव

पटना। दशहरा का पर्व बितने के बाद अब दिवाली की तैयारियां जोर पकड़ रही है। घरों में विशेष साफ-सफाई, रंग-रोगन के साथ प्रतिष्ठान में भी दिवाली की तैयारी चल रही है। बाजारों में खरीदारों की भीड़ बढ़ गयी है। दीपोत्सव के त्योहार में माता लक्ष्मी तथा भगवान गणेश के भव्य स्वागत हेतु तैयारियां जोरों पर है। नए कपड़े, सजावट के समान, ज्वेलरी आदि की विशेष खरीदारी हो रही है। रंग-बिरंगी विद्युतीय बल्ब, मोमबत्ती, दीया, पूजा सामग्री की दुकाने सजने लगी है। धनतेरस से भाई दूज तक दीपोत्सव का पंचदिवसीय महापर्व चलेगा। दीपोत्सव के पहले दिन आयुष के देवता धन्वंतरि देव की पूजा होगी।
2 नवंबर को त्रिपुष्कर योग में धनतेरस
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद् के सदस्य आचार्य राकेश झा ने बताया कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी दिन मंगलवार को सुबह 08:35 बजे के बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ होकर प्रदोष व निशीथ काल में व्याप्त होने से धनतेरस का पर्व 2 नवंबर को त्रिपुष्कर के साथ सिद्ध योग में मनाया जायेगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होगी। समुद्र मंथन के समय धन त्रोयदशी के दिन ही भगवान धन्वंतरि ने रोगास्थ प्राणियों के लिए अमृत कलश लेकर समुद्र से उत्पन्न आयुर्वेद विद्या का प्रसाद दिया। इस दिन शुभ मुहूर्त में बर्तन, सोना, चांदी, कौरी, धनिया, कमलगट्टा, पंचरत्न, लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, बहुमूल्य वस्तु, भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीदी से उसका महत्व 13 गुना अधिक हो जाता है तथा घर में लक्ष्मी का वास होता है। धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से दरिद्रता का ह्रास तथा समृद्धि का वास होता है। इस दिन प्रदोषकाल में यम को तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख दिखने से काल संकट, रोग, शोक, भय, दुर्घटना, अकाल या अप मृत्यु से बचाव होता है।
धनतेरस से शुरू होगा पंचदिवसीय दीपोत्सव
ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता पंडित राकेश झा ने कहा कि धन की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित पांच दिनों का दीपोत्सव धनतेरस के दिन से शुरू होगा। धनतेरस से लेकर भाई दूज तक देवी-देवताओं के निमित्त पांच दिन तक पांच दीपक जलाये जाएंगे। वहीं 3 नवंबर बुधवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में छोटी दिवाली को हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जायेगा। वायुपुराण के मुताबिक कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मेष लग्न में माता अंजनी के गर्भ से स्वयं शिव हनुमान रूप में प्रकट हुए थे। इस हनुमान की पूजा, पाठ, ध्वज दान आदि शुभ रहेगा।
सकारात्मक ऊर्जा देता है दीपक
पंच दिवसीय दीपोत्सव के अंतर्गत घर, मंदिर, पूजन स्थल में घी या तेल का दीपक जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर के सदस्यों को यश एवं प्रसिद्धि मिलती है। दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा में उत्तर दिशा में दीपक रखने से घर में धन-संपदा, ऐश्वर्य, मानसिक शांति, उन्नति होती है। उत्तर दिशा में दीप जलाने से स्वास्थ्य व प्रसन्नता में वृद्धि, पूर्व दिशा में जलाने से चिरायु, निरोगता होती है। दीपक सम संख्या में जलाने से ऊर्जा का संवहन निष्क्रिय हो जाता है, वही विषम संख्या में दीपक जलाने पर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है।
राशि के अनुसार करें खरीदारी, होगी भाग्य में वृद्धि
मेष राशि : चांदी या तांबा के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान
वृष राशि : चांदी या तांबे के बर्तन, वस्त्र, श्रृंगार की सामग्री, कलश
मिथुन राशि : स्वर्ण आभूषण, स्टील के बर्तन, हरे रंग के घरलू सामान, पर्दा
कर्क राशि : चांदी के आभूषण या पायल, बर्तन, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान
सिंह राशि : तांबे के बर्तन या कलश, वस्त्र, सोना
कन्या राशि : गणेश की मूर्ति, सोना या चांदी के आभूषण, कलश
तुला राशि : वस्त्र, सौंदर्य सामान या सजावटी सामान, चांदी या स्टील के बर्तन
वृश्चिक राशि : इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोने के आभूषण, बर्तन, तांबा या मिट्टी का गमला
धनु राशि : स्वर्ण आभूषण, तांबे या स्टील बर्तन
मकर राशि : वस्त्र ,वाहन, चांदी के बर्तन या आभूषण
कुम्भ राशि : सौंन्दर्य के सामान, स्वर्ण, ताम्र पात्र, जूता-चप्पल
मीन राशि : स्वर्ण आभूषण, चांदी या पीतल के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त्त
प्रदोष काल व वृष लग्न : संध्या 06:00 बजे से रात्रि 07:57 बजे तक
खरीदारी करने का मुहूर्त
धन त्रयोदशी तिथि : प्रात: 08:35 बजे के बाद
चर लग्न : सुबह 08:46 बजे से 10:10 बजे तक
लाभ मुहूर्त : सुबह 10:10 बजे से दोपहर 11:33 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11 :11 बजे से 11 :56 बजे तक
अमृत मुहूर्त : दोपहर 11:33 बजे से 12:56 बजे तक
शुभ योग : शाम 02:20 बजे से 03:43 बजे तक
वृष लग्न : शाम 06:00 से 07:57 बजे तक

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