कल मनाया जाएगा धनतेरस का त्योहार, खरीदारी के लिए सजे पटना के बाजार

पटना। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष तिथि को धनतेरस का त्योहार कल मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। पंचांगों के हवाले से पंडित कमल कांत झा ने बताया कि प्रदोष काल और रात में व्यापिनी त्रयोदशी होने के कारण 10 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन हस्त नक्षत्र में अमृत योग बन रहा है। धनतेरस के दिन सुबह 7:07 बजे से रात 2:35 बजे तक खरीदारी और पूजा-पाठ कर सकते हैं। धनतेरस का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त संध्या प्रदोष काल में शाम 5:30 से शाम 7:27 तक है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने का बहुत ही विशेष महत्व है। इस अवसर पर दान-पुण्य करने से शुभफल की प्राप्ति होती। पंडित कमल कांत झा के अनुसार धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में पंच द्रव्य की खरीदारी करने से धन में तेरह गुनी वृद्धि होती है। वहीं लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, कौरी, कमलगट्टा, धनिया, हल्दी गांठ, मिट्टी के पात्र, सोना, चांदी, पीतल, तांबा, स्टील, अष्टधातु के वर्तन, वस्त्र, सजावटी वस्तु, भूमि-भवन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तु की खरीदारी करनी चाहिए। इस दिन स्थिर लग्न में धन, वैभव की कामना से महालक्ष्मी, महासरस्वती, विघ्नहर्ता गणेश, कुबेर की विधिवत पूजा की जाएगी। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यम के नाम से दीपदान किया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार त्रयोदशी तिथि में अपमृत्युनाश के लिए सायंकाल घर से बाहर यमराज के लिए चतुर्वर्ती दीप (चार बतियों वाला), जलाने का विधान है। यह दीप ज्योति पर्व श्रृंखला का पहला दीपदान होता है। ऐसा कहा जाता है कि यम यातना और अकाल मृत्यु से बचने के लिए इस दिन दीपदान किया जाता है। धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के नाम से जाना जाता है।शास्त्रों में असली धन स्वास्थ्य को कहा गया है। अतः आरोग्य की प्राप्ति के लिए तिथि विशेष पर आयुर्वेद के भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है।

 

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