मकर संक्रांति पर पटना के गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, प्रशासन के पुख्ता इंतजाम, 8 टीम तैनात

पटना। मकर संक्रांति का पर्व इस बार 14 जनवरी को भौम-पुष्य योग में मनाया जा रहा है, जो कि 19 वर्षों बाद बना है। इस दिन दोपहर 2:55 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे। हिंदू धर्म में इस पर्व को विशेष महत्व प्राप्त है। इस दिन गंगा स्नान, दान, पूजा-पाठ और वेद मंत्रों के जाप का महत्व होता है। पटना सहित पूरे बिहार के गंगा घाटों पर श्रद्धालु सुबह से ही स्नान और दान के लिए पहुंचने लगे।
गंगा घाटों पर प्रशासन की पुख्ता व्यवस्था
पटना जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। 29 गंगा घाटों पर स्नान की विशेष व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर इन घाटों को सात सेक्टरों में बांटा गया है। प्रत्येक सेक्टर में पुलिस अधिकारी, मजिस्ट्रेट और 50 दंडाधिकारियों को तैनात किया गया है। घाटों पर सुरक्षा के लिए आठ एसडीआरएफ (आपदा राहत बल) की टीमें गोताखोरों के साथ तैनात की गई हैं। प्रत्येक टीम के पास दो नावें मौजूद हैं, जिनमें से एक पेट्रोलिंग के लिए और दूसरी आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए रिजर्व रखी गई है। गंगा में नावों की आवाजाही पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
पुण्यकाल और धार्मिक महत्व
मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। सनातन धर्म के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को एक हजार अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है। सूर्य के उत्तरायण होने से खरमास समाप्त हो जाता है, जिससे सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि शुरू हो जाते हैं। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य, भगवत पूजा और वेदमंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, वस्त्र और अन्न का दान विशेष पुण्यदायक माना गया है।
प्रशासन का सख्त निगरानी निर्देश
एडीएम डीपी शाही ने बताया कि सभी अंचलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। शहरी इलाकों के घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए घाटों पर पेट्रोलिंग नावों की व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा प्राथमिकता
श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए घाटों पर बैरिकेडिंग की गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे घाटों पर सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन की सहायता लें। मकर संक्रांति के इस पावन पर्व पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में गंगा घाटों पर उमड़े। प्रशासन ने उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए, जिससे इस पर्व को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा सके। उत्तरायण के आगमन के साथ यह पर्व नई उम्मीदों और शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक बन गया।
