छपरा शराबकांड में मौत का तांडव जारी; मरने वालों की संख्या हुई 74 के पार, बढ़ सकता है आंकड़ा
छपरा। बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस घटना में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब तक 74 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है। सारण के मशरक, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें ज्यादा हुईं हैं। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है। वही 48 घंटे के अंदर मौत का आंकड़ा 70 से ज्यादा तक पहुंच गया है। छपरा जहरीली शराब कांड में अबतक 74 लोगों की मौत हो गयी है। हालांकि प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 34 शवों का पोस्टमार्टम हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से 34 मौत के आधिकारिक आंकड़े दिये जा रहे हैं। छपरा शराब कांड को लेकर सियासत भी तेज है। विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है। सदर अस्पताल में अब तक 31 और पटना में 3 मरीजों की मौत हुई है। जिला प्रशासन 34 मौत का ही दावा कर रहा है लेकिन बताया जा रहा है कि 70 से अधिक मौतें हुई है। सारण के मशरक, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें ज्यादा हुईं हैं। मशरक थाना क्षेत्र से मशरक तख्त, यदू मोड़, पचखंडा, बहरौली बेनछपरा घोघियां, गंगौली, गोपालवाड़ी, हनुमानगंज तथा इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोइला और महुली के साथ अमनौर और मढौरा में लोगों की जहरीली शराब पीने से मौतें हुई हैं। कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई हैं, जो अस्पतालों में इलाजरत हैं। मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, ये टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है।
इस मामले में एसपी ने 24 घंटे के अंदर 200 से ज्यादा लोगों के पकड़े जाने की बात कही है। इनमें कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। डीएम राजेश मीणा ने अब तक 51 लोगों के गिरफ्तार होने की जानकारी दी है। पुलिस आरोपी गुड्डू पांडे और अनिल सिंह को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है। क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। अधिकारिक तौर पर अब तक 30 मृतकों का पोस्टमॉर्टम सरकारी अस्पताल में कराया गया है। सारण डीएम ने 26 लोगों की मौत की पुष्टी की है। वहीं जहरीली शराब से मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है, जिसमें लगभग 60 लोग के मारे जाने की बात कही गई है। याचिका में त्रासदी की जांच के लिए एसआईटी द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। इधर, इस मसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों ओर हमलावर रुख अपनाए हुए है।