फुलवारी के दो युवकों की लाशें पहुंचते ही फुलवारी में माहौल गमगीन

  • पटना मैन मरीन ड्राइव पर हादसे में हुई थी मौत भीड़
  • एम्स में घायलों से जाकर मिले विधायक गोपाल रविदास

पटना फुलवारीशरीफ(अजीत)। रविवार की देर रात पटना के मरीन ड्राइव पर हुए हादसे में फुलवारी शरीफ के दो युवकों की मौत एवं अन्य घायलों का पटना में एम्स अस्पताल में इलाज होने की जानकारी मिलने पर स्थानीय विधायक गोपाल रविदास माले व राजद के कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। विधायक ने बताया कि पटना सिटी के आशुतोष व फुलवारी के आजाद की स्थिति चिंताजनक है जबकि हैदर के पैर का ऑपरेशन किया जाना है। विधायक गोपाल रविदास पटना एम्स के डायरेक्टर से टेलीफोन पर बात कर एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ सी एम सिंह से मुलाकात कर घायलों का बेहतर इलाज करने की बात कही । वहीं मृतक के परिवार वालों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दिया। विधायक ने बताया कि वह दोनों मृतकों के जनाजे में शामिल हुए। उन्होंने सरकार से बेहतर इलाज कराने की मांग की है। दरअसल, पटना में गंगा किनारे बने नए एलिवेटेड रोड पर रविवार की देर शाम हादसे में मरने वाले दोनों फुलवारीशरीफ निवासी युवकों के घर मातम का महौल रहा। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने दोनों का शव परिजनों को सौंप दिया। सोमवार की दोपहर दोनों की अंतिम यात्रा के पूर्व शव को घर पर लाया गया था।

पटना मरीन ड्राइव हादसे में दो की हालत नाजुक

शव के पहुंचते ही परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। किसी प्रकार लोगों ने मां पिता को संभाला। आस पास के लोग सुबह से ही घर पर जमा थे। रूक रूक कर रिश्तेदार परिजन पहुंच रहे थे। फाज की मां को बेटे की मौत की खबर ने पूरी तरह से तोड़ दिया था। इकलौते बेटे के अचानक से चले जाने के कारण मां पूरी तरह से टूट चुकी थी वह बस एक ही रट लगाये हुई थी कोई मेरे बाबू को दिखा दे। वहीं फिरदौस के घर भी कोहराम मचा हुआ था। सभी भाई छुपछुप कर रो रहे थे। वहीं चार घायलों का इलाज एम्स में चल रहा है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि फाज के घर जब उसके मौत की खबर पहुंची तब मातम मच गया। किसी को उसकी मौत पर भरोसा नहीं हो रहा था। पिता आफान बेटे की मौत की खबर सुन परेशान हो गये । रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला। वहीं मां अपने इकलौते बेटे के मौत के गम में बेहोश हो रही थी। फाज दो बहन और एक मात्र भाई था। भाई के मौत की खबर पा कर दोनों बहने अपने अपने ससुराल से घर बदहवास पहुंची। वहीं फिरदौस पांच भाईयों में सबसे छोटा था।

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