डेयरी के क्षेत्र में उद्यमिता पर चर्चा का आयोजन, युवा उद्यमी ने छात्रों के साथ अपने अनुभव शेयर किए।

फूलवारी शरीफ | बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्था में डेयरी के क्षेत्र में उद्यमिता पर चर्चा हुई। बीआईटी पटना से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आये युवा उद्यमी पियूष रॉय ने छात्रों के साथ अपने अनुभव को सांझा किया। उन्होंने छात्रों से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा छात्र इस क्षेत्र से जुड़े और अपना कारोबार की शुरुआत करे क्योंकि इस क्षेत्र में काफी कुछ किया जा सकता है और इस क्षेत्र में आपार संभावनाएं है, जिस प्रकार भारत सरकार उद्यम विकास के लिए प्रोत्साहित कर रही है ये एक अच्छा मौका है की युवा आगे आकर स्टार्टअप करे। बिहार कृषि प्रधान राज्य है, राज्य की अधिकांश आबादी कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे व्यवसाय से जुड़कर अपनी जीवकोपार्जन करती है ऐसे में युवाओं के इस क्षेत्र में जुड़ने से इस क्षेत्र में क्रांति आएगी साथ ही राज्य के इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए भी फायदेमंद होगा। पियूष का कहना है की सोसाइटी में गुणवत्तापूर्ण दूध नहीं मिल रहा, लोग दूध पिने से परहेज कर रहे है, भारत जैसे सर्वाधिक दूध उत्पादन वाले देश में अगर यह हाल होगा तो भविष्य के लिए यह एक बहुत ही बुरा संकेत है।लोगों का दूध से विश्वास उठ जाने से हम आर्थिक और शारीरिक दोनों रूप से कमजोर होंगे जो देश के इकनोमिक ग्रोथ के लिए खतरा है, स्वच्छ और गुणवत्तायुक्त दूध की भारी कमी देखने को मिल रही है, जो युवाओं के इस क्षेत्र में जुड़ने से ही संभव हो पाएगा । श्री रॉय ने स्टार्टअप को करने के लिए संसाधनों की जरुरत, व्यवसाय को आगे बढ़ाने की तकनीक, दूध के विपणन, पैकेजिंग जैसे प्रोसेस पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया साथ ही छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने दूध उत्पादन में मुख्यता तीन बिंदुओ जोर देने को कहा, दूध में संक्रमण को रोकना, प्रोसेसिंग में समय को बचाते हुए तेजी लाना और दूध के स्टैंडर्ड को बरक़रार रखना।
उन्होंने पैकेजिंग और स्टैंडर्ड पर विशेष चर्चा करते हुए कहा की जब तक स्टैंडर्ड प्रोडक्ट और बेहतरीन पैकेजिंग नहीं होगी लोगो पर विश्वास बनाना बहुत कठिन है। उन्होंने बताया की सही मार्गदर्शन नहीं होने से व्यवसाय ठप होने की नौबत तक आ जाती है, इसलिए खुद को मोटिवेटेड रखे और उतार चढ़ाव से घबराएं नहीं, उद्यम को चलने के लिए एक अच्छे टीम की जरुरत होती है जिनकी सोच और लक्ष्य एक हो तभी कारोबार में सफलता मिलेगी।

कौन है पियूष रॉय
पियूष रॉय ने बीआईटी पटना से इसी साल प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। 2017 से ही वे दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र काम कर रहे है, पियूष का कहना है की समाज में अच्छे क्वालिटी दूध की कमी बहुत चिंतित करती थी, मिलावटी दूध से समाज को काफी नुकसान हो रहा है। इस समस्या को देखते हुए पियूष ने 8 गायों के साथ इस व्यवसाय की शुरुआत की, उन्होंने पीयूषो डेयरी नाम से कंपनी पंजीकृत करवाई और गुणवत्ता वाले बिना मिलावट के दूध की सप्लाई पुरे पटना में कर रहे है। वयापुर स्थित उनके डेयरी फार्म में आज 28 दुधारू गाय है और मांग को पूरा करने के लिए उनकी कंपनी यूनियन से भी दूध लेती है। देश में अधिकांश डेयरी से पाश्चरीकृत पद्धति से दूध की प्रोसेसिंग की जाती है, चिल्ड मिल्क प्रोसेसिंग की पद्धत्ति अभी नयी है पियूष इसी पद्धति से दूध प्रोसेस का काम कर रहे है। पियूष का कहना है की दूध के क्वालिटी से संतुष्ट हो रहे ग्राहकों का फीडबैक मुझे प्रोत्साहित करती है, जिससे मुझे इस क्षेत्र में और बेहतर करने की प्रेरणा मिल रही है।

इस कार्यक्रम में संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्था के डीन डॉ बी.एस बेनीवाल, डॉ. अवधेश झा, डॉ. राकेश कुमार, डॉ बिपिन कुमार, डॉ संजीव, डॉ. सोनिया, डॉ विनीता, सहित संस्था के सभी छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।

About Post Author

You may have missed