पूमरे ने संरक्षित ट्रेन परिचालन की दिशा में उठाए कई कदम : 8 वर्षों में 319 आरओबी-आरयूबी व एलएचएस का किया गया निर्माण

  • सभी मानव रहित समपार फाटकों को किया गया समाप्त

हाजीपुर। पूर्व मध्य रेल ट्रेनों के संरक्षित परिचालन की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पिछले 8 वर्षों में सभी मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त कर दिया गया है तथा सभी मानव सहित समपार फाटकों को भी समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में जहां भी नई रेल लाईन का निर्माण किया जा रहा है, वहां रेल लाईनों के निर्माण के साथ ही समपार फाटक के स्थान पर आरओबी, आरयूबी व एलएचएस का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेनों के आमने-सामने की टक्कर को रोकने के लिए ‘कवच’ प्रणाली की स्थापना की जा रही है।
ट्रेनों के संरक्षित परिचालन के दिशा में अक्टूबर, 2018 में ही सभी मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही 2019 से 2022 के बीच 174 मानव सहित समपार फाटकों को बंद किया गया। बिहार में 2014 से 2022 के बीच कुल 319 आरओबी, आरयूबी व एलएचएस का निर्माण किया गया। इससे एक ओर जहां ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन में मदद मिली है, वहीं दूसरी ओर ट्रेनों की गति में भी काफी सुधार हुआ है। इसके साथ ही सुरक्षित एवं निर्बाध सड़क यातायात में भी यह काफी सहायक सिद्ध हुआ है।
पिछले 8 वर्षों में रेलवे द्वारा आधारभूत संरचना जैसे नई लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण व विद्युतीकरण के क्षेत्र में कई कार्य पूरे किये जाने एवं आरओबी-आरयूबी के निर्माण आदि से कई रेलखंड के सेक्सनल स्पीड में भी बढ़ोत्तरी की गयी है, जो ट्रेनों के समय पालन में सुधार करने में काफी सहायक सिद्ध हुआ है।
विगत वर्षों में हाजीपुर-रामदयालू, बछवारा-शाहपुर पटोरी, नरकटियागंज-रक्सौल, रक्सौल-छौड़ादानो, बैरगनिया-छौड़ादानों, समस्तीपुर-किषनपुर, सकरी-जयनगर, मुजफ्फरपुर-रून्नीसैदपुर, मानसी-महेषखूंट, बरौनी-कटिहार, थलवारा-दरभंगा, सहरसा-सुपौल, जैसे रेलखंडों की सेक्सनल स्पीड में बढ़ोत्तरी करते हुए 100-110 किमी प्रतिघंटा किया गया है। इसके साथ ही हाजीपुर-बरौनी-कटिहार, बरौनी-राजेन्द्रपुल एवं परमानंदपुर-पाटलीपुत्र रेलखंड के स्टेषनों पर लूप लाइन की गति सीमा में भी बढ़ोत्तरी करते हुए 30 किमी प्रतिघंटा किया गया है। झाझा-पं. दीन दयाल उपाध्याय जं. रेलखंड एवं ग्रैंडकॉर्ड रेलखंड के प्रधानखंटा-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. रेलखंड पर अब मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन अधिकतम 130 किमी प्रति घंटा की गति से किया जा रहा है। इससे समय पालन में वृद्धि तो हुई ही है जिसका सीधा लाभ यात्रियों को मिल रहा है।
वहीं पूर्व मध्य रेल द्वारा संरक्षित परिचालन हेतु पहले चरण में पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. से प्रधानखांटा तक कवच प्रणाली की स्थापना की जा रही। इसके साथ ही इस प्रणाली को पूर्व मध्य रेल के अन्य महत्वपूर्ण रेलखंडों पर भी स्थापित करने की प्रक्रिया पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

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