पटना एम्स में कैंसर रोगों का बेहतर इलाज पर आयोजित सम्मेलन का गवर्नर ने किया उद्घाटन

  • शुरुआती दौर में कैंसर के लक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता और प्रचार प्रसार में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण
  • कैंसर रोगियों के मन मस्तिक से मृत्यु का भय निकालकर इलाज करना फायदेमंद : राज्यपाल

फुलवारीशरीफ, पटना। एम्स पटना में एम्स निदेशक डॉ गोपाल कृष्ण पाल के मार्गदर्शन में आयोजित एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया बिहार चैप्टर 2022 का चतुर्थ वार्षिक सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन करने बिहार के महामहिम राज्यपाल फागू चौहान पटना एम्स पहुंचे । महामहिम ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कैंसर रोग के अधिकांश मरीज थर्ड और फोर्थ चरण में अस्पताल पहुंचते हैं जिसके बाद उनके इलाज कर स्वस्थ करने में परेशानी होती है और अधिकांश कैंसर मरीजों की जान चली जाती है. राज्यपाल महोदय ने कहा कि कैंसर रोगों के लक्षणों के बारे में मीडिया को व्यापक तौर पर प्रचारित प्रसारित करना चाहिए ताकि लक्षणों के आधार पर लोग प्रथम चरण में है अस्पताल पहुंचे और जहां उनका इलाज शुरू हो जिससे उनकी जान बचाई जा सके। राजपाल ने कहा कि पटना एम्स के साथ इरेकॉन बिहार चैप्टर के लिए अच्छा काम मिलजुल कर कर रही है। मुझे विश्वास है कि कैंसर पीड़ित रोगियों के मन मष्तिस्क से मृत्यु का भय निकालकर उनका उत्साहवर्धन कर जीवन जीने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए । मृत्यु का भय निकालकर इलाज से कैंसर रोगियों को स्वस्थ करने में बड़ा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि कैंसर मरीजों को अस्पताल में पहुंचने में देरी नहीं हो ,असुविधा नहीं हो, दवा और समुचित सुविधा मिले, इसकी पूरी व्यवस्था में सरकार लगी हुई है। पटना एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गोपाल ने बताया कि पटना एम्स में 100 करोड़ से अधिक की राशि से नेशनल कैंसर मैनेजमेंट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी के सामने प्रजेंटेशन  किया जाएगा। कैंसर रोगियों के इलाज के संसाधन के रूप में पटना एम्स में बेसिक सुविधा रेडिएशन सर्जिकल साइकोलॉजी के साथ ही योगा थेरेपी आदि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि बाकी जरूरतों को भी पूरा करने में केंद्र सरकार और पटना एम्स लगा हुआ है। डायरेक्टर ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि कैंसर रोगियों के मन मस्तिक में मृत्यु के भय को निकालना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में योगा थेरेपी सबसे कारगर साबित होगा। पटना एम्स के कैंसर रोग विभागाध्यक्ष डॉ प्रितांजलि ने बताया कि इस सम्मेलन से कैंसर के मरीजों और मेडिकल स्टूडेंट सहित कैंसर रोगियों के नए-नए तकनीकों के इलाज के बारे में जानकारियों के साझा होने से काफी फायदा होगा। यह सम्मेलन मेडिकल के स्नाकोत्तर छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ है।  जिसमें उन्हें देश और विदेश में सम्मानीत कैंसर विशेषज्ञों को सुनने का मौका मिला। उद्घाटन कार्यक्रम में पटना एम्स के दिन डॉ उमेश भदानी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ सी एम सिंह, डॉ संजीव कुमार, डॉ वीणा सिंह सहित एम्स के कई विभागों के विभागाध्यक्ष प्रशासनिक अधिकारी एवं फैकल्टी सहित अन्य मौजूद रहे। वही शनिवार को सम्मेलन मे प्रथम सत्र की शुरूआत में डॉ. इन्द्रनील मलिक टी.एम.सी. कोलकाता ने ” अत्यधिक डेटा और मशीन लर्निंग का सटीक दवा ” में उपयोग पर चर्चा किया। उन्होंने कहा कि एडवांस मॉडलिंग और अर्टिफिसियल इंटेलिजेंसी का कैंसर के इलाज में उपयोग बढ़ रहा है। भारत के विशेषज्ञ डॉक्टर और वैज्ञानिक इसके रिसर्च में भाग ले रहे है। भविष्य में कैंसर मरीजों के इलाज में ” आर्टिफिसियल इंटेलिजेंसी ” बहुत उपयोगी होगा।

फ्लैश रेडियोथेरेपी पर डॉ अरूणा तुराका , तजेरथ हॉस्पीटल , फिलाडेलफिया यूएसए ने व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि फ्लैश रेडियोथेरेपी जिसमें अल्ट्रा हाइ डोज रेडियोथेरेपी को मिली सेकेंड में दिया जाता है। दूसरे सत्र की शुरूआत में ब्रेस्ट कैंसर स्क्रिनिंग और उसके फायदे पर चर्चा किया गया। डॉ सपना नांगई एपीसीसी चेन्नई ने कहा कि ” प्रोटॉन थेरेपी ” से रेडियेशन के कुप्रभाव कम होते है। ब्रेस्ट कैंसर के मरीज जिनको हाई रिस्क हृदय रोग भी है उसमें प्रोटॉन थेरेपी बहुत उपयोगी है। इसका लाभ शुगर के मरीजों, मोटापा, उच्च रक्तचाप के मरीजों और ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के इलाज में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। डॉ पुनीतालाल, एसजीपीजीआई लखनऊ, ब्रेस्ट कैंसर ऑनकोप्लास्टी पर चर्चा किये जो कि रेडियेशन ऑनकोप्लास्टी के लिए बहुत उपयोगी है। डॉ सुदीप गुप्ता, टीएमएच मुंम्बई ने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में एंटीबॉडी : ड्रग कॉन्जुगेट के बढ़ते उपयोग पर चर्चा किये। ब्रेस्ट कैंसर में सेन्टीनल लिम्फनोड का इलाज रेडियोथेरेपी या सर्जरी विषय पर रचनात्मक चर्चा डॉ शेखर केसरी, पारस हॉस्पीटल पटना  ने किया। गाइनोकोलॉजी ऑन्कोलॉजि में इन्डोमेट्रियल कैंसर में मालिकुलर क्लासिफिकेशन का इलाज में उपयोग पर डॉ डोडूल मंडल, मैक्स हॉस्पीटल दिल्ली, ने व्याख्यान दिया।  वहीं गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर जैसे कि इसोफेजियल कैंसर, गेसट्रिक कैंसर, पैनक्रियाटिक कैंसर, हिपेटोबिलइएरी कैंसर और रेक्टल कैंसर और इनके इलाज में होने वाले नये तकनीक और दवाइयों पर सम्मेलन में चर्चा हुआ। जिसमें देश के प्रतिष्ठित कैंसर विशेषज्ञों ने भाग लिया।  रेडियेशन ऑनकोलॉजी में भविष्य की चुनौतियों पर डॉ जीके रथ , हेड एनसीआई दिल्ली, ने व्याख्यान दिया। रेडियेशन ऑनकोलॉजी में नए तकनीक क्षेत्र में व्यावसायिकता और नैतिकता पर डॉ श्यामा श्रीवास्तव, अपोलो हॉस्पीटल मुंम्बई ने व्याख्यान दिये। थोरेसिक ऑनकोलॉजी में ईजीएफआर मुटेटेड लंग कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव पर डॉ कुमार प्रभास, टीएमएच मुंम्बई ने चर्चा किया। वही शनिवार शाम को निफ्ट पटना के सहयोग से कैंसर के मरीजों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

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