प्रदेश में जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए लेना होगा कमर्शियल बिजली कनेक्शन, जाने पुरा मामला
पटना। पेट्रोल-डीजल के बाद सीएनजी की बढ़ी कीमतों को देखते हुए लोग महंगी इवी यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। बिहार में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। क्यों कि इसको चार्ज करने पर होने वाला खर्च पेट्रोल-डीजल के मुकाबले काफी कम है। लेकिन, आने वाले दिनों में ईवी चार्ज करना महंगा पड़ेगा। वही जिस तरह से शहरों में इवी यानी इलेक्ट्रिक व्हेकिल की संख्या बढ़ी है उसे ध्यान में रख बिजली कंपनी अब शहरी क्षेत्रों में इवी के लिए चार्जिंग स्टेशन शुरू करने की तैयारी में है। बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि इवी को चार्ज किए जाने को ले किस तरह का टैरिफ लगेगा इसे भी बिजली कंपनी ने तय कर दिया है। कामर्शियल रेट पर चार्ज करेगी बिजली कंपनी इवी का चार्जिंग शुल्क बिजली की जो वाणिज्यक दर है, उस आधार पर प्रति यूनिट के हिसाब से तय होगी। वर्तमान में बिहार में सार्वजनिक रूप से एक भी इवी चार्जिंग स्टेशन नहीं है। फिलहाल निजी स्तर पर लोग अपने इवी को चार्ज कर रहे हैं। ज्या दातर लोग अपने घर में इस्तेलमाल होने वाले घरेलू बिजली कनेक्शवन से ही इवी को चार्ज कर लेते हैं। वही बिजली कंपनी अपने स्तर से इवी के लिए चार्जिंग स्टेशन की पूरी आधारभूत संरचना को विकसित करेगा पर इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा स्थल चयनित किए जाने हैं। इवी के निबंधन को ध्यान में रख चार्जिंग स्टेशन के लिए जगह चिन्हित की जानी है। पटना के अतिरिक्त दूसरे शहरों में भी इस तरह के चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर सकते हैं।
इवी चार्जिंग स्टेशन के लिए बन चुकी है पालिसी, वाहनों की संख्या के आधार पर खपत का होगा आकलन
इवी चार्जिंग स्टेशन के लिए पालिसी तैयार हो चुकी है। इसके क्रियान्वयन का जिम्मा परिवहन विभाग को दिया गया है। इस संबंध में परिवहन विभाग और बिजली कंपनी के साथ बैठक भी हो चुकी है। परिवहन विभाग बिजली कंपनी को यह जानकारी देगा कि वर्तमान कितने इवी सड़क पर दौड़ रहे और भविष्य में किस रफ्तार से इनके बढ़ने की उम्मीद है। इस सूचना के आधार पर बिजली कंपनी यह आकलन करेगा कि इस सेक्टर के लिए कितने मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आवश्यकता होगी। इसके आधार पर बिजली उपलब्धता को लेकर तैयारी आगे बढ़ेगी। वही ऐसी संभावना है कि इवी चार्जिंग स्टेशन फ्रैंचाइजी मोड में दिए जा सकते हैं। संबंधित फ्रैंचाइजी को बिजली की खपत के हिसाब से भुगतान करना है। खपत के आधार पर ही लोड भी तय होगा।