पटना के 15 बड़े कोचिंग सेंटर्स जल्द होंगे बंद, महीने बाद भी रिपोर्ट नहीं मिलने पर कार्रवाई की तैयारी में प्रशासन
पटना। पटना में कोचिंग संस्थानों की जांच के लिए बनी कमिटी की रिपोर्ट 1 महीने बाद भी नहीं आई है। दरअसल, 27 जुलाई को दिल्ली के राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की डूबने के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद 30 जुलाई को राजधानी पटना के कोचिंग सेंटरों पर सदर एसडीएम की जांच टीम ने निरीक्षण किया था। इस दौरान कई कोचिंग को सील भी कर दिया गया था। कई कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी सवाल उठे थे। इसके बाद पटना डीएम ने जांच कमिटी बनाई, लेकिन अभी तक उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि फिलहाल राजधानी में 413 रजिस्टर्ड कोचिंग संस्थान हैं, जिसमें से कमिटी ने 47 संस्थानों की जांच रिपोर्ट जारी कर दी है। इसमें से 32 कोचिंग सेंटर फिर से रजिस्ट्रेशन के लायक हैं। 15 संस्थान ऐसे हैं, जो तय मानकों पर खड़े नहीं उतरते। इन्हें प्रशासन एक और मौका दिया है कि अपनी कोचिंग में सुविधाएं तय मानकों के अनुसार कर लें नहीं तो कोचिंग को बंद करना पड़ेगा। वहीं अब तक 366 काेचिंग संस्थानों की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पटना जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कोचिंग के निबंधन और मानकों की जांच के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है। पोर्टल सितंबर माह के अंत से काम करना शुरू कर देगा। डीईओ संजय कुमार ने बताया कि अभी कोचिंग संचालक अपना निबंधन ऑफलाइन करवा रहे हैं। सितंबर महीने के अंत तक पोर्टल तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद कोचिंग संचालक ऑनलाइन पोर्टल पर निबंधन के लिए अप्लाई करेंगे। इसके बाद उनके निबंधन की जांच की जाएगी। जांच में अगर वह योग्य पाए जाएंगे तो उनका निबंधन किया जाएगा, लेकिन जो कोचिंग निबंधन के लायक नहीं होंगे, उन्हें कोचिंग मानकों को पूरा कर दोबारा पोर्टल पर अप्लाई करना पड़ेगा। डीईओ ने बताया कि तैयार किए जा रहे इस पोर्टल की प्रोग्रामिंग ऐसे की जा रही है कि कोचिंग संस्थानों को फायर ब्रिगेड से NOC के लिए आवेदन भी डेवलप किए जाएंगे। इसके लिए कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पोर्टल पर ही एक स्लॉट रहेगा, जिसे ओपन कर कोचिंग संस्थानों के संचालक फायर एनओसी के लिए डायरेक्ट अप्लाई कर सकेंगे। पोर्टल में काचिंग संचालकों से अग्निशमन विभाग द्वारा जारी किए गए एनओसी, मकान मालिक से किए गए रेंट एग्रीमेंट के कागजात, तीन सालों का इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी, प्रोस्पेक्टस और सिलेबस की प्रति, शिक्षकों के शैक्षिक और अनुभव प्रमाण पत्र, शिक्षकेतर कर्मियों के आधार कार्ड की कॉपी समेत बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम के तहत बुनियादी सुविधाओं का डिटेल शेयर करना होगा। इन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही पोर्टल पर पेमेंट का ऑप्शन शो होगा। डीएम की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत कोचिंग संचालकों को रजिस्ट्रेशन कराने से पहले अग्निशमन विभाग से एनओसी, नगर निगम से भवन का सत्यापन संबंधित कागजात प्रस्तुत करना होगा। इसके तहत एक क्लास में 100 से अधिक बच्चों को नहीं पढ़ा सकते। कोचिंग की एंट्री और एग्जिट गेट अगल-अलग होनी चाहिए। अगर सभी शर्तों को पूरा करते हैं तो उन्हें तीन सालों के लिए निबंधन दिया जाएगा। तीन साल की अवधि पूरा करने के बाद फिर से री-रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देना होगा।