CM नीतीश बोले- बाढ़ के कारण जहां किसानों ने फसल नहीं लगायी, उसे फसल क्षति मान उपलब्ध करायें उचित सहायता

  • सीएम ने की बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की। साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने अब तक की वर्षापात की स्थिति और आने वाले दिनों के वर्षा पूर्वानुमान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अधिक वर्षापात होने से नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी। अधिकारियों को सभी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सभी जिलाधिकारी अभी भी मौसम पूर्वानुमान के आधार पर आगे की स्थिति के लिए सचेत रहें और पूरी तैयारी रखें।
बाढ़ के कारण जहां किसानों ने फसल नहीं लगायी, उसे फसल क्षति मानें
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पश्चात जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रूप दें। उन्होंने कहा कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।


बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो। उन्होंने कहा कि जिलों के उन विशिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहां अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो। हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।
बचे लोगों में जीआर का वितरण 25 सितंबर तक
इसके पहले आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम ने से राज्य में बाढ़ एवं अल्पवृष्टि को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक तीन चरणों, प्रथम चरण- 13 से 17 जून, द्वितीय चरण 1 जुलाई से 7 जुलाई, तृतीय चरण- 8 अगस्त से 22 अगस्त में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। आपदा पीड़ितों के लिए सभी प्रकार के राहत एवं बचाव कार्य किये गये। अब तक 7,95,538 परिवारों के बीच 477.32 करोड़ रुपये ग्रैच्युट्स रिलीफ की राशि का वितरण किया जा चुका है और बाकी बचे लोगों में जीआर का वितरण 25 सितंबर तक कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ से 26 जिलों के 16.60 लाख परिवारों की 69.63 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है, जिन्हें हरसंभव मदद की जा रही है।
वहीं समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव एन. विजयलक्ष्मी एवं जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाढ़ के दौरान अपने-अपने विभागों द्वारा किये गये कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने अपने जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जीआर वितरण, क्षतिग्रस्त सड़कें, फसल क्षति, पशु क्षति आदि के साथ-साथ बाढ़ के दौरान किये गये राहत एवं बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।
बैठक में रहे मौजूद
बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री आलोक रंजन, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज, श्रम संसाधन मंत्री जिवेश मिश्रा, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे

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