अपने कार्यप्रणाली के दम पर मुख्यमंत्री बने है सीएम नीतीश, उनको किसी की कृपा की जरूरत नहीं : अशोक चौधरी

  • महागठबंधन सरकार में चल रही तकरार पर रांची में बोले झारखंड प्रभारी अशोक चौधरी, भाजपा के साथ जाने पर दिया बड़ा बयान

रांची। बिहार में महागठबंधन में शामिल दो प्रमुख दलों के बीच उठी रार कम होती हुई नजर नहीं आ रही है। अब यह लड़ाई एक मंत्री से निकल कर सीएम नीतीश की कुर्सी तक जा पहुंची है। जिस तरह से बीते कल राजद के तरफ से इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार हो चुनौती दे दी गई और उनसे शिक्षा मंत्री से इस्तीफा लेने को कहा गया। वहीं, जेडीयू के तरफ से भी ट्वीट कर नीतीश के विकास को दिखाया गया है। इसके बाद अब एक बार फिर से बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू के झारखंड प्रभारी अशोक चौधरी ने सीएम नीतीश को लेकर बड़ा बयान दिया है। बिहार सरकार के मंत्री ने झारखंड की राजधानी रांची में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि, नीतीश कुमार किसी की कृपा से बिहार के सीएम नहीं बने हैं। बल्कि वे अपनी काबिलियत से मुख्यमंत्री बने हैं।
नीतीश कुमार के व्यक्तित्व के कारण उन्हें राजद और बीजेपी दोनों मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करते हैं : अशोक चौधरी
नीतीश कुमार वापस से भाजपा के साथ जा सकते हैं इस बात की चर्चा तेज हैं। इसी सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का व्यक्तित्व ही ऐसा है कि भाजपा और राजद दोनों उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करते हैं। वह किसी के कृपा से सीएम नहीं बने हैं, बल्कि खुद की काबिलियत से मुख्यमंत्री बने हैं। वे अपनी कार्यशैली और कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री बने हैं। इसके आगे अशोक चौधरी ने इशारों ही इशारों में लालू के शाशनकाल को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि, नीतीश कुमार जब पहली बार सीएम बने थे तो इन्होने बिहार का बजट बढ़ाया था। इस दौरान बिहार का बजट 32 हजार करोड़ रुपये का था। आज यह बजट बढ़ कर दो लाख 32 हजार करोड़ रुपए हो गए हैं। वहीं, आगामी विधानसभा में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर किये गए सवालों पर कहा कि, अगले कुछ घंटों में मुझे बिहार वापस से जाना है अब मैं वहां सही- सलामत पहुंचूंगा या नहीं कौन जानता है। ऐसे में 2025 में क्या होगा इसको लेकर अभी से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री यह कह चुके हैं कि, 2025 का चुनाव बिहार में तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ना है। लेकिन, इसके बाबजूद पिछले कुछ दिनों से इन दोनों पार्टियों के बीच उठी विवाद के बाद यह सवाल किया जा रहा है कि, पहले इनलोगों का गठबंधन बचेगा या नहीं।

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