सीएम नीतीश का विधायकों को सख्त निर्देश : कहा- अगले 72 घंटे पटना में रहे सभी विधायक, आदेश से राजनीति में गर्मी बढ़ी

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायकों के लिए फरमान जारी किया है कि अगले 72 घंटे तक सारे विधायक पटना में ही रहेंगे। वे बाहर नहीं जाएं। इस फरमान के बाद सियासत में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। राज्यसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। एक तरफ जातीय जनगणना के बहाने नीतीश और तेजस्वी की नजदीकी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ जेडीयू के भीतरखाने से ही बगावत की खबर आ रही है। सीएम नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को दोबारा राज्यसभा नहीं भेजना चाहते हैं जबकि सूत्रों की मानें तो आरसीपी राज्यसभा का मोह छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में पार्टी के भीतरखाने से ये चर्चा भी बाहर आने लगी है कि अगर आरसीपी का पत्ता कटता है तो वो पार्टी को तोड़ सकते हैं। वो अपने खेमे के विधायकों के साथ अलग जा सकते हैं।
कल राजगीर दौरे पर जायेगें सीएम नीतीश, 2017 में भी महागठबंधन से अलग होने से पहले गये थे राजगीर
वहीं आधिकारिक जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश कुमार कल राजगीर जाएंगे। जानकारों का कहना है कि जब-जब नीतीश राजगीर दौरे पर जाते हैं कुछ न कुछ राजनीतिक भूचाल लाते हैं। साल 2017 में भी जब नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होने वाले थे, उसके ठीक पहले वह कुछ दिनों के लिए राजगीर चले गए थे। राजगीर से वापस आने के बाद उन्होंने महागठबंधन को छोड़ने का फैसला लिया था। यही कारण है कि जदयू के आला नेता किसी भी डैमेज से पहले अपनी तैयारी पुख्ता कर लेना चाहते हैं। इसी के तहत जदयू के विधायकों से दस्तखत कराने की बात भी निकल कर सामने आ रही है। इसके अलावा वैसे विधायक जो आरसीपी की जगह चुने गए दूसरे नेता का समर्थन करेंगे उन्हें पटना में ही रुकने की बात कही जा रही है।
बीजेपी ने साधी चुप्पी, जदयू ने बताया अफवाह
इस पूरे मामले पर बीजेपी ने चुप्पी साध ली है। दैनिक भास्कर ने पार्टी के बड़े नेता से इसे समझना चाहा। वे इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि ये जदयू का मामला है। बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह सुरक्षित है। वही इस पूरे मामले पर सीएम नीतीश कुमार के एक करीबी नेता ने कहा कि अभी भी कई विधायक पटना से बाहर हैं। ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। ये बस अफवाह है।
सीएम के फरमान को जातिगत जनगणना से जोड़ा, 27 को सकती हैं सर्वदलीय बैठक
वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फरमान को जातिगत जनगणना पर 27 मई को होने वाली बैठक को लेकर भी देखा जा रहा है। बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर राजनीति तेज है। एक तरफ जहां जनगणना को लेकर जदयू समेत राजद के बोल मिल रहे हैं, तो बीजेपी इसके समर्थन में नहीं हैं। इसको लेकर बार-बार चर्चाएं तेज हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से 27 मई की तारीख तय की गई है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 27 मई को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग का एक मात्र एजेंडा बिहार में जातीय जनगणना को लेकर आपसी राय बनानी है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने बताया कि उन्हें भी इस मीटिंग में बुलाया गया है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद भी नीतीश कुमार ने ये बात कही थी कि वे सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस पर निर्णय लेंगे। अपने गठबंधन सहयोगी बीजेपी से नाराजगी के बाद भी नीतीश कुमार बिहार में जातीय जनगणना कराने की तैयारी कर रहे हैं।

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