पटना में ई-रिक्शा में 3 साल के मासूम को कुचला, घटनास्थल पर हुई दर्दनाक मौत

पटना। बाढ़ थाना क्षेत्र के मसूदबीघा मोहल्ले में एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन साल के मासूम, मो. इबरान की मौत हो गई। इबरान अपने ननिहाल आया हुआ था और सड़क किनारे खेल रहा था, तभी एक अनियंत्रित ई-रिक्शा ने उसे कुचल दिया। यह हादसा इतना भयावह था कि इबरान की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में मातम फैल गया और स्थानीय लोग गहरे आक्रोश में आ गए। घटना के तुरंत बाद वहां स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। गुस्से में आकर उन्होंने ई-रिक्शा को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। आक्रोशित परिजनों और स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर दी और मांग की कि मसूदबीघा मोहल्ले में सड़क पर स्पीड ब्रेकर बनाया जाए ताकि तेज गति से आने वाली गाड़ियों को रोका जा सके। उनका कहना था कि यह घनी आबादी वाला इलाका है और यहां आए दिन बच्चे सड़क किनारे खेलते रहते हैं, ऐसे में सड़क पर स्पीड ब्रेकर न होना एक बड़ी चूक है। लोगों का यह भी आरोप था कि ई-रिक्शा चलाने वाले कई चालक नाबालिग होते हैं और बिना किसी अनुभव के वाहन चला रहे होते हैं, जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। थाना अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने की पूरी कोशिश की। आक्रोशित भीड़ से चालक को बचाकर हिरासत में लिया गया और ई-रिक्शा को जब्त कर लिया गया। परिजनों और स्थानीय लोगों को समझा-बुझाकर जाम हटाया गया, हालांकि इस प्रक्रिया में घंटों का समय लग गया। पुलिस ने मासूम इबरान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल बाढ़ भेज दिया है। परिवार और स्थानीय लोग बेहद दुखी और गुस्से में हैं। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, खासकर स्पीड ब्रेकर न बनाए जाने को लेकर। उनका कहना है कि इससे पहले भी इस सड़क पर ब्रेकर बनाने की मांग की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान दिया होता तो शायद इस तरह की दर्दनाक घटना न घटती। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, खासकर इबरान के माता-पिता का। एक मासूम की इस तरह अचानक मौत ने पूरे इलाके में शोक और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोग भी इस घटना से व्यथित हैं और प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है बल्कि स्थानीय कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और तेज गति से चलने वाले वाहनों के खतरे को उजागर किया है। खासकर ऐसे इलाकों में, जहां घनी आबादी होती है और छोटे बच्चे अक्सर सड़क किनारे खेलते हैं। इस दुर्घटना ने प्रशासन और जनता दोनों के सामने एक गंभीर सवाल खड़ा किया है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है यदि समय रहते उचित कदम उठाए जाएं? फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और चालक से पूछताछ की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद प्रशासन सड़कों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
