PATNA : पीयू विश्वविद्यालय के मिंटो छात्रावास और कृष्ण घाट पर चली ताबड़तोड़ गोलियां, दो दर्जन राउंड फायरिंग से मची अफरा-तफरी

पटना, (राज कुमार)। राजधानी पटना के पटना विश्वविद्यालय की एक छात्रावास में बीती रात फायरिंग की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि पटना यूनिवर्सिटी के मिंटो छात्रावास और कृष्णा घाट पर बीती रात दो गुटों के बीच फायरिंग की घटना हुई जिसमें करीबन दो दर्जन राउंड से अधिक गोलियां चली। इस गोलीकांड के बाद जहां बीती रात पूरे इलाके में अफरा-तफरी मची रही वहीं अब इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक उच्च स्तरीय कमेटी गठन कर घटना के जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि कॉलेज के दो गुटों में किसी विवाद को लेकर बीती रात मिंटो छात्रावास और कृष्णा घाट के इलाके में गोलियां चली। हालांकि अभी तक इस गोलीकांड से किसी व्यक्ति के हताहत होने की कोई भी खबर सामने नहीं आई है। बताया जा रहा हैं की करीब आधे घंटे तक लगातार गोलियां चलने की आवाज आती रही। किसी ने बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझा और घर में ही रहे। इस दौरान इलाके में रहने वाले विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति, आर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य, महिला छात्रावासों की अधीक्षक और छात्राएं दहशत में रहे।
दोनों छात्रावास के लड़कों के बीच लगातार बढ़ रही मारपीट की घटनाएं
वही अब यह बात सामने आ रही हैं की घटना मिंटो छात्रावास व एक अन्य छात्रावास के लड़कों के बीच हुई आपसी रंजिश का नतीजा है। बताया गया कि एक दिन पहले एक छात्रावास के छात्र की जमकर पिटाई विश्वविद्यालय के रेलवे काउंटर पर कर दी गयी थी। इसका आरोप मिंटो छात्रावास के लड़कों पर लगा था। वहीं कुछ दिन पहले मिंटो छात्रावास के छात्रों ने उस छात्रावास में जाकर देर रात गोलीबारी और बमबाजी की थी। जिसके विरोध में इस घटना को अंजाम दिया गया। छात्रों की मानेंतो गुरुवार की देर रात उस छात्रावास के 20 से अधिक छात्रों ने कृष्णा घाट के रास्ते से प्रवेश कर मिंटो छात्रावास की ओर ताबड़तोड़ फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में मिंटो छात्रावास की ओर से भी फायरिंग की गई। इसकी चर्चा शुक्रवार को दिनभर होती रही। बताया जा रहा हैं की हाल के दिनों में दोनों छात्रावास के लड़कों के बीच लगातार मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। दोनों गुट अपना वर्चस्व कायम करना चाह रहे हैं। कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि मामले की जानकारी सुबह में प्रति कुलपति के माध्यम से हुई। इसके बाद विवि के प्रॉक्टर और डीन सहित अन्य अधिकारियों को पूरे मामले की जांच के लिए आदेश दिया गया है।

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