वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष को उतारा, रोचक होगा मुकाबला

नई दिल्ली। बीजेपी ने रविवार को केरल में लोकसभा चुनाव के लिए चार और उम्मीदवारों की घोषणा की, जहां 26 अप्रैल को मतदान होगा। वायनाड इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि यहां के मौजूदा सांसद कांग्रेस नेता राहुल गांधी हैं। बीजेपी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन को मैदान में उतारा है। सीपीआई की राष्ट्रीय नेता एनी राजा वहां एलडीएफ उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के पारंपरिक गढ़ वायनाड में सुरेंद्रन की आश्चर्यजनक उम्मीदवारी के साथ, भाजपा राहुल गांधी के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करके अपने विरोधियों को करारा जवाब देने की कोशिश कर रही है। वर्षों पहले सबरीमाला में युवा महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ भगवा पार्टी के उग्र आंदोलन का चेहरा सुरेंद्रन 2020 से भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। कोझिकोड जिले के उल्लेयेरी के रहने वाले सुरेंद्रन, जिन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा के वायनाड जिला अध्यक्ष के रूप में अपना करियर शुरू किया था, ने 2019 के लोकसभा चुनावों में पथानामथिट्टा से असफल रूप से चुनाव लड़ा था। हालाँकि उन्हें उसी वर्ष विधानसभा उपचुनाव में कोनी से मैदान में उतारा गया था, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के करीबी विश्वासपात्र के रूप में जाने जाने वाले सुरेंद्रन 2016 के विधानसभा चुनावों में मंजेश्वरम निर्वाचन क्षेत्र से मात्र 89 वोटों से हार गए थे। सुरेंद्रन ने 2009 से सभी तीन लोकसभा चुनाव और चार विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं। 2021 में उन्होंने कोनी और मंजेश्वर सीटों से एक साथ चुनाव लड़ा। सुरेंद्रन सबरीमाला मंदिर में अब तक चली आ रही परंपरा के विपरीत रजस्वला महिलाओं को प्रवेश देने के खिलाफ भाजपा के उग्र आंदोलन का चेहरा थे और उन्हें 2020 में पार्टी का केरल प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी ने शिक्षाविद और श्री शंकरा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के एस राधाकृष्णन, और अभिनेता से नेता बने जी कृष्णकुमार को क्रमशः एर्णाकुलम तथा कोल्लम सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा द्वारा जारी उम्मीदवारों की सूची के मुताबिक, सरकारी महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य टी एन सरसु उत्तरी पलक्कड़ जिले के अलाथुर से अपनी किस्तम आजमाएंगे। पार्टी केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच दशकों से चल रहे द्विध्रुवीय मुकाबले की परिपाटी को बदलने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने पहले राज्य की 12 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी जबकि उसकी सहयोगी बीडीजेएस राज्य में चार सीट पर चुनाव लड़ेगी।

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