अफ्रीका में कोरोना के नए वेरिएंट के बाद बिहार सरकार हुई अलर्ट, विदेश से राज्य में आने वाले लोगों की रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी होना होगा 10 दिनों तक क्वारैंटाइन

बिहार। अफ्रीका में कोरोना के नए वेरिएंट की खबर आने के बाद भारत में फिर से एक बार कोरोना कि तीसरी लहर की आहट तेज हो गई है। बता दें कि इस संबंध में केंद्र सरकार के साथ-साथ बिहार सरकार ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें कि बिहार सरकार अलर्ट मोड पर है। इसी कड़ी में देश में इंटरनेशनल पैसेंजर्स को लेकर देश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण के निर्देश के बाद बिहार में भी अलर्ट कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, मुख्य सचिव को भेजे गए दिशा निर्देश में सचिव राजेश भूषण ने इंटरनेशनल यात्रियों को लेकर चौकसी बढ़ाने को कहा है। अब विदेश से आने वालों को कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी 10 दिनों तक क्वारैंटाइन होना पड़ेगा। इसके साथ साथ रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट पर जांच को लेकर सख्ती बढ़ाने का आदेश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि विदेश से आने वालों का सर्च ऑपरेशन तेज किया जाए और जांच में सख्ती की जाए। पटना एयरपोर्ट पर जांच में जुटी एजेंसी को पटना एयरपोर्ट अथॉरिटी से मिलकर जांच और तेज करने को कहा गया है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है, इंटरनेशनल यात्रियों की निगरानी में कहीं से कोई चूक नहीं होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से विशेष रूप से जोखिम है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से कनेक्ट होकर आने वाले यात्रियों की पिछली यात्रा का पूरा विवरण लिया जाए। इसकी समीक्षा करने को कहा गया है। विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच और उनका सर्च ऑपरेशन भी समीक्षा के दायरे में होगा। मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए प्रोटोकॉल को कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।

बाहर से आए यात्रियों के पॉजिटिव आने पर अलर्ट

विदेश यात्रा से आए यात्रियों की जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अलर्ट किया जाना है और नमूना जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तत्काल INSACOG लैब्स को भेजना है। नया वैरिएंट तेजी से फैलता है, इस कारण से पूरी तरह से अलर्ट मोड पर काम करना है। भूषण ने कहा है, यह देखा गया है कि कुछ राज्यों में समग्र परीक्षण के साथ-साथ RT-PCR परीक्षणों के अनुपात में गिरावट आई है। पर्याप्त परीक्षण के अभाव में, संक्रमण फैलने के सही स्तर को निर्धारित करना बेहद मुश्किल है। राज्यों को परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना चाहिए और परीक्षण दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करना चाहिए।’ राज्यों को प्रारंभिक पहचान में सहायता के लिए परीक्षणों की संख्या और RT-PCR परीक्षणों की हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 5% से नीचे पॉजिटिव दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखने को कहा गया है।

राज्यों को दिया गया निर्देश

सचिव भूषण ने राज्यों से कहा है कि वे सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता का बेहतर उपयोग करें। जीनोम सिक्वेंसिंग पर काम किया जाए। देश में निगरानी के लिए INSACOG की स्थापना की गई है। इस समय यह महत्वपूर्ण है कि राज्यों को नीति के अनुसार इन नमूनों को INSACOG लैब नेटवर्क पर भेजकर जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। राज्य द्वारा नियमित प्रेस ब्रीफिंग की जाए।

 

 

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