आजादी के 72 वर्षों बाद भी भेलूरा रामपुर का दलित बस्ती में सड़क नहीं बन पाई

खेतों के बीच पगडंडियों के राह से आते जाते हैं ग्रामीण

* मुखिया ने की मदद, श्रमदान से आहर पर बनाया रास्ता

फुलवारी शरीफ। राजधानी पटना से पंद्रह किलोमीटर दूर और दानापुर रेलवे स्टेशन से पश्चिम शिवाला नौबतपुर रोड में स्थित भेलूरा रामपुर दलित बस्ती में आजादी के 72 सालों बाद सड़क जैसी बुनियादी सुविधा नहीं मिल पाई।
ब्रह्मस्थान से भेलूरा रामपुर दलित टोला तक श्रमदान करके ग्रामीणों ने बना डाली सड़क। रामपुर फरीदपुर पंचायत मुखिया नीरज कुमार ने निजी राशि खर्च से सहायता देकर दलित बस्ती के लोगों को सड़क निर्माण कराया। दलित बस्ती के योगेंद्र राम , गुलाम राम , सेठ मांझी , धनंजय दास , टुन्नू मांझू , नुंनु मांझी, ढोरा नट ,कृत दास, अजय राम समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बस्ती में आने जाने के लिए वर्षों से सड़क नही थी। आजादी के बाद भी कितने सरकारें आयी और चली गयी लेकिन दलितों की इस बस्ती में करीब पचास घरों के आबादी आजतक बुनियादी सुविधाओं से वंचित रही। ग्रामीण बताते हैं कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने चुनावो में वोट की खातिर कितने वादे किए लेकिन बाद में भूल गए। इस दलित बस्ती में करीब बीस वर्षों पूर्व एक प्राथमिक विद्यालय का निर्माण कराया गया जिसमें इस बस्ती के बच्चे पढ़ते चले आ रहे हैं।

ग्रामीण बताते हैं कि इस बस्ती में आने जाने के लिए खेतो के बीच से पगडंडियों के सहारे ही एकमात्र रास्ता था। हाल के दिनों में खेतों के पगडंडियों से आने जाने पर परेशानिया खड़ी कर दी गयी जिसके बाद इस दलित बस्ती के लोगो को रास्ते का बड़ा संकट खड़ा हो गया। इस समस्या के समाधान के लिए कई बार खेतो के बीच बने पगडंडियों से रास्ते का विकल्प ढूंढा गया लेकिन कोई फायदा नही हुआ। आजादी के वर्षो बाद भी दलितों की बस्ती में राह के लिए लोगों ने स्थानीय मुखिया नीरज कुमार से गुहार लगाई। मुखिया नीरज कुमार ने कहा कि दलित बस्ती के लोगों के आवागमन के लिए बगल के आहर को सड़क का रूप दिया जा रहा है । इसमें निजी खर्च से मदद कर रहा हु और बस्ती के लोग श्रमदान से राह तैयार कर रहे हैं। आगे योजना का लाभ दिलाकर पक्की सड़क निर्माण कराया जाएगा।

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