बीपीएससी कार्यालय का घेराव कर रहे अभ्यर्थियों और छात्र नेता को पुलिस ने पीटा, हुआ हंगामा

पटना। बीपीएससी की तरफ से 1.70 लाख पदों के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। बीपीएसी कार्यालय के बाहर बुधवार को प्रदर्शन कर रहे छात्र नेता दिलीप कुमार समेत अभ्यर्थियों को पुलिस ने डंडे मारकर भगाया। अभ्यर्थियों ने रिजल्ट में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए उसमें सुधार की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि रिजल्ट में कई गड़बड़िया हैं। नियम बदलकर नियुक्ति दी जा रही है। बिना स्टेट टीईटी (एसटीईटी) पास ही किए नियुक्ति दिया जा रहा है। इधर, प्रदर्शन के बीच बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि जल्द ही सभी विषयों का कट ऑफ जारी किया जाएगा।उन्होंने यह भी लिखा है की जब हम टीआरई जैसी बड़ी संख्याओं से निपट रहे हैं, तो अयोग्य लोगों को हटाने के लिए मल्टी लेयर फिल्टरिंग की आवश्यकता होती है। उन्होंने आगे लिखा है कि यही हो रहा है और इसीलिए सभी परिणाम सशर्त हैं। डाक्यूमेंट जांच के दौरान जो सही नहीं पाए जाएंगे, उनका रिजल्ट रद्द किया जाएगा। इस फिल्टरिंग से उत्पन्न होने वाली कोई भी रिक्ति एक या अधिक पूरक परिणामों से भरी जाएगी। बहुत जल्द हम सभी टीआरई पेपरों में कट ऑफ अंक घोषित करेंगे। प्रदर्शन कर रहे हैं अभ्यर्थी अतुल कुमार ने कहा कि जब विज्ञापन जारी किया गया था, उसमें लिखा हुआ है कि किसी एक पद के लिए एक अभ्यर्थी का ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। ऐसे हजारों की संख्या में अभ्यर्थी हैं, जिनका रिजल्ट माध्यमिक 9 से 10 और उच्च माध्यमिक (11-12) में दोनों में जारी कर दिया गया है। हम लोगों की मूल रूप से एक ही मांग है कि विज्ञापन में जो भी बातें लिखी गई हैं। उसका पालन किया जाए और एक कैंडिडेट के लिए एक ही रिजल्ट जारी किया जाए। सरकार अब 2 नवंबर को नियुक्ति पत्र बांटने जा रही है। इसको लेकर छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि सरकार अपना का करे। लेकिन बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करे। उन्होंने यह सवाल उठाया है कि जो अभ्यर्थी एसटीईटी पास ही नहीं था। उसने फॉर्म कैसे भरा। फॉर्म अगर भर भी दिया तो परीक्षा में पास कैसे हो गया।

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