कोरोना को लेकर बिहारवासी हो जाएं सतर्क : स्वास्थ्य विभाग का अनुमान, मई-जून में तेजी से बढेंगे मामले
पटना। कोरोना संक्रमण को लेकर बिहारवासियों को एक बार फिर सतर्क होने का समय आ गया है। गुजरात-मुंबई में कोरोना के नए एक्सई वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जन को 18 अप्रैल तक तमाम तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग का अनुमान है कि मई के अंतिम से लेकर जून के प्रथम सप्ताह तक कोरोना मामलों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ सकती है।
आशा कार्यकर्ता बाहर से आने वालों पर रखेंगी नजर
सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह के अनुसार बाहर से खासकर मुंबई, गुजरात, दिल्ली या अन्य कास्मोपालिटन सिटी से आने वाले लोगों पर नजर रखने के निर्देश सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को दिए गए हैं। आशा कार्यकर्ता बाहर से आने वालों के लक्षणों पर नजर रखेंगी और जरूरत होने पर उनकी कोरोना जांच कराएंगी। विभाग से जो निर्देश मिलेंगे, उनके अनुसार सभी तैयारियों को दुरुस्त किया जाएगा। कोरोना की रोकथाम के पांच मंत्र टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट, टीकाकरण और कोरोना अनुकूल व्यवहार प्रचलन में लाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। हर पीएचसी प्रभारी को एक डाक्टर को नोडल पदाधिकारी बनाकर स्कूलों में भेजकर प्रधानाचार्य से समन्वय स्थापित कर बच्चों को जागरूक करने और पात्र लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था कराने को कहा गया है।
तेजी से फैलने के साथ लक्षण भी हैं अलग
एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार के अनुसार एक्सई सार्स कोव-2 वायरस के ओमिक्रोन के बीए1 व बीए2 वैरिएंट का रिकांबिनेंट स्ट्रेन हैं। यानी ओमिक्रोन के बीए1 व बीए2 स्ट्रेन के मिलने से नया एक्सई वैरिएंट बना है। यह 10 प्रतिशत तक अधिक तेजी से फैल सकता है लेकिन ओमिक्रोन का वैरिएंट होने के कारण इसके बहुत घातक होने की आशंका नहीं है। पूर्व के अलावा थकान, सुस्ती, बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, तेज धड़कन समेत हृदय संबंधी अन्य समस्याएं भी इसके लक्षण हैं।