पैगंबर साहब के खिलाफ बयान देने वाले भाजपा नेताओं की हो गिरफ्तारी : इमारत ए शरिया

* इमारत शरिया ने की लोगों से अपील, संयम के साथ कानून के दायरे में रहकर करें अपना विरोध
* किसी भी धर्म और धर्म के सर्वोच्च शख्सियत के बारे में अमर्यादित बयान देने से रोकने के लिए सरकार बनाए कठोर कानून


फुलवारी शरीफ (अजीत)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा और दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता नवीन जिंदल के द्वारा गत दिनों इस्लाम के पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक शब्द बोलने पर इमारत ए शरिया में मुस्लिम तंजीमों ने संयुक्त बैठक कर अनेक प्रस्ताव पारित किये। शुक्रवार को बिहार, झारखंड व उड़ीसा के मुसलमानों की सबसे बड़ी एदारा इमारत शरिया में शुक्रवार को अमीरे शरियत हजरत मौलाना वली रहमानी के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में बीजेपी के दो नेताओं द्वारा हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ दिए गए अमर्यादित बयान के मामले में अविलंब दोनों नेताओं की गिरफ्तारी की मांग पुरजोर तरीके से की गई। इमारत शरिया ने सरकार से ऐसा कठोर कानून बनाने की मांग की है जिससे किसी भी धर्म और धर्म के सर्वोच्च शख्सियत के बारे में कोई भी अमर्यादित बयान नहीं दे पाए, साथ ही अपील की है कि संयम और शांति के साथ कानून के दायरे में रहकर अपना विरोध दर्ज कराएं।
इमारत शरिया ने अपील की है कि इस मामले में सड़कों पर उतर कर और कहीं इकट्ठा होकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करना ठीक नहीं है। इस मामले में जो भी अपना विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं वह कानून के दायरे में रहकर करें। इसके लिए बैठक में सभी जिम्मेदार शख्सियतों ने अपनी-अपनी राय मशविरा दिया। बैठक में मांग किया गया है कि संविधान के अनुसार दोनों के खिलाफ कानूनी करके सजा दिलायी जाये, साथ ही चर्चा की गई कि सारे मुस्लिम तंजीमों को संयुक्त प्रेस वार्ता करनी चाहिए। सरकार को सूचित किया जाना चाहिए कि पैगंबर के नाम पर विवादित शब्द किसी भी परिस्थिति में मुसलमानों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। संविधान और भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 295 और 505 के अनुसार, विवादित टिप्पणी करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। सभी तंजीमों के प्रमुख राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यों के राज्यपालों, केंद्रीय प्रांतीय सरकार के मंत्रियों, जिलों के डीएम को एक संयुक्त पत्र लिखा जाना चाहिए।
बैठक में जमाएतुल हिन्द मदनी गुट के सचिव मौलाना मशहूद अहमद कादरी नदवी, महमुद मदनी गुट के बिहार सचिव मो. नाजिम, जमाए इस्लामी के बिहार के प्रमुख मौलाना रिजवान अहमद, मोमिन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अबुल कलाम शमशी, मजलिस ए इमामिया के प्रमुख सैयद अमानत हुसैन, खानकाह अरजान के सज्जादा नशीं सैयद शाह हसीन अहमद, जमीयत उलेमा के मौलाना मो. इजहार आलम के अलावे नयाब अमीर ए शरियत मौलाना शमशाद रहमानी, कार्यवाहक सचिव मौलाना शिबली अल कासमी, काजी ए शरियत मौलाना अंजार आलम, सदर मुफ्ती मौलाना सुहैल आलम समेत अन्य इस्लामिक विद्वान मौजूद थे।

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