अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी मुंगेर से लड़ेगी चुनाव, राजद ने दिया पार्टी सिंबल

  • जदयू के ललन सिंह से होगा सीधा मुकाबला; 17 साल बाद मैदान में उतरे अशोक महतो, बढ़ी नीतीश की टेंशन

पटना। अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी को राजद ने मुंगेर से अपना उम्मीदवार बनाया है। शादी के 24 घंटे के भीतर लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी सिंबल दे दिया है। गुरुवार की देर शाम अशोक महतो अपनी पत्नी के साथ राबड़ी आवास पहुंचे। यहां लालू प्रसाद यादव ने उन्हें सिंबल दिया। सिंबल लेने के बाद बाहर आए अशोक महतो ने कहा कि मुंगेर हमारा इलाका है, हम ही जीतेंगे। वहीं अशोक महतो की नई नेवली दुल्हन अनीता देवी ने कहा कि बहुत कुछ कहना है। वक्त आने पर सब बता देंगे। अभी मैं कुछ नहीं बोलूंगी। बस इतना कहा कि चुनाव में जीत होगी। मुंगेर से जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अभी सांसद हैं। उन्हें फिर से जदयू टिकट दे सकती है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि ललन सिंह के सामने अशोक महतो की पत्नी अनीता होंगी। बिहार के कुख्यात अशोक महतो ने लोकसभा टिकट के लिए ही मंगलवार रात को खरमास में शादी की। अशोक की उम्र 62 साल है, पत्नी उनसे 16 साल छोटी हैं। अशोक महतो पर ही वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर बनी थी। शादी के बाद अशोक महतो अपनी पत्नी के साथ राबड़ी आवास पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मैं यहां आशीर्वाद लेने आया था। वह पत्नी को मुंगेर से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। अशोक पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनको सजा भी हो चुकी है। वह 17 साल से जेल में थे। 10 दिसंबर 2023 को जेल से रिहा हुए थे। सजा की वजह से वो चुनाव नहीं लड़ सकते थे। इसलिए आनन-फानन में 2 दिन के अंदर उन्होंने शादी की, ताकि उनकी पत्नी चुनाव लड़ सके।
लालू ने कहा, और कर ली शादी
बताया ये भी जा रहा है कि कुछ दिन पहले लालू यादव ने अशोक महतो को बुलाकर कहा था कि शादी करके आओ तब टिकट देंगे। इसके बाद उन्होंने लड़की की तलाश शुरू की थी। ताकि अगर उनको टिकट न मिले तो वे अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाएं। उनकी तलाश अनीता पर जाकर पूरी हुई। बख्तियारपुर में मंगलवार की रात मां जगदंबा स्थान के मंदिर में विवाह किया था। अनीता लखीसराय के सूर्यगढ़ा प्रखंड के बंशीपुर हेमजापुर इलाके की रहने वाले हरि मेहता की बेटी अनीता (46) हैं। वो पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं।
मुंगेर में सवर्ण के बाद कुर्मी की सबसे ज्यादा आबादी
मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण को देखें तो यहां सबसे ज्यादा 4 लाख वोटर्स भूमिहार हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर धानुक (कुर्मी) और कुशवाहा हैं। मुंगेर में इनकी संख्या लगभग 2 लाख है। वहीं लगभग 1.5 लाख यादव और 90 हजार मुस्लिम आबादी है। वहीं लगभग डेढ़ लाख बनिया वोटर्स पर इस लोकसभा क्षेत्र में हैं। अशोक महतो खुद कुर्मी हैं। ऐसे में अगर वो पिछड़ा खासकर कुर्मी और कुशवाहा को अपने पाले में लाने में कामयाब हो जाते हैं और मुस्लिम- यादव का उन्हें समर्थन मिल जाता है तो अशोक महतो और ललन सिंह के बीच कड़ी टक्कर हो सकती है।
फेल हो चुका है भूमिहार वर्सेज भूमिहार का समीकरण
मुंगेर में विपक्ष का भूमिहार वर्सेज भूमिहार का समीकरण पिछले दो चुनाव से फेल रहा है। 2019 के चुनाव में ललन सिंह के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से मोकामा विधायक और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया गया था। नीलम देवी लगभग दो लाख वोट से चुनाव हार गईं थी। इसी तरह 2014 के चुनाव में एनडीए की तरफ से जहां सूरजभान सिंह की पत्नी को लोजपा से टिकट दिया गया था तो जदयू से ललन सिंह सामने थे। दोनों भूमिहार थे। जबकि राजद की तरफ से कुर्मी जाति के प्रगति मेहता को टिकट दिया गया था वीणा देवी यहां से जीतने में सफल रही थी। ऐसे में इस बार लालू यादव भूमिहार का मुकाबला कुर्मी से कराना चाहते हैं। जब अशोक महतो का कभी गढ़ रहा इलाका नवादा या जमुई लोकसभा में पड़ता है तो अशोक महतो को लालू यादव मुंगेर शिफ्ट क्यों करना चाहते हैं। पॉलिटिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि लालू यादव एक साथ दो संदेश देना चाहते हैं।

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