अरुणाचल प्रदेश के मामले में भारत के साथ हुआ अमेरिका, कहा- वह भारत का अभिन्न हिस्सा, हम उनके साथ खड़े हैं

नई दिल्ली। अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए चीन को चेतावनी दी है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में एक प्रस्ताव आया है जिसमें अरुणाचल प्रदेश के इलाके में मैकमोहन लाइन को भारत और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा माना है। इस प्रस्ताव को सीनेटर जेफ मर्कले, बिल हैगर्टी ने पेश किया था, जिसमें चीन के यथास्थिति बदलने के प्रयास की निंदा की गई थी। अब एक बार फिर से सीनेटर हैगर्टी ने भारत के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े होने की बात कही है। बिल हैगर्टी ने कहा कि इस समय चीन मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, ऐसे में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है कि वह क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेष रूप से भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो। हैगर्टी का बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में अमेरिका की सालाना कम्युनिटी इंटेलीजेंस रिपोर्ट में पाकिस्तान की हरकतों से क्षेत्र में तनाव भड़कने की आशंका जाहिर की गई थी।
भारत को अमेरिका का समर्थन
प्रस्ताव के बारे में बताते हुए हैगर्टी ने कहा कि इसमें अरुणाचल प्रदेश राज्य को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने के लिए सीनेट का समर्थन व्यक्त किया गया है। साथ ही एलएसी पर यथास्थिति बदलने के लिए चीन के प्रयास की निंदा के साथ ही अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने का समर्थन किया गया है।
चीन का दावा किया खारिज
इस प्रस्ताव में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उस आक्रामक और विस्तारवादी नीतियों वाले दावे को भी खारिज किया गया है जिसमें चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है। प्रस्ताव पेश करने वाले दूसरे सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा, “यह प्रस्ताव साफ करता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में देखता है, न कि चीन के जनवादी गणराज्य के रूप में। साथ ही अमेरिका की समान विचारधारा वाले अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ क्षेत्र में समर्थन और सहायता को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध को जाहिर करता है।

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