आज से RJD कार्यालय में तीन दिवसीय अम्बेडकर परिचर्चा की शुरुआत, मीडिया की नो इंट्री

पटना। राजद के प्रदेश कार्यालय में सोमवार से तीन दिवसीय ‘अम्बेडकर परिचर्चा’ की शुरुआत हुई। इसमें राज्य के लगभग 100 प्रतिभागी के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता भाग ले रहे हैं। वही बड़ी बात यह है कि मीडिया की इंट्री इसमें मना की गई है। बता दे की मीडिया कर्मी अंदर जाना चाहते थे और परिचर्चा सुनना चाहते थे लेकिन दरवाजा बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है कि यह परिचर्चा कुल 6 सत्रों में होगी। प्रतिदिन दो-दो सत्र होंगे जिसमें अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी। प्रथम दिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने परिचर्चा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए विषय प्रवेश कराया। वही सोमवार के दो सत्रों में बाबा साहेब का जीवन एवं दर्शन एवं मनुस्मृति बनाम संविधान विषय पर चर्चा हुई। वही सत्र को उदय नारायण चौधरी, जयप्रकाश नारायण यादव, श्याम रजक, मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर, वृषण पटेल, सुरेश पासवान, चित्तरंजन गगन, मुजफ्फर हुसैन राही, एज्या यादव, ऋतु जायसवाल और ई. संतोष यादव ने संबोधित किया।
मंगलवार को ‘मनुस्मृति-वर्ण व्यवस्था पर बाबा साहेब के विचार’ पर परिचर्चा
राजद की ओर से आयोजित परिचर्चा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव बीनु यादव, मंत्री डॉ. शमिम, मंत्री सुरेन्द्र राम, पूर्व मंत्री शिवचन्द्र राम, पूर्व सांसद सरफराज अहमद, अनिल सहनी, अर्जुन यादव, विधायक शक्ति सिंह यादव, प्रो. रामबली सिंह चन्द्रवंशी आदि पार्टी नेता उपस्थित रहे। वही राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि दूसरे दिन मंगलवार को ‘मनुस्मृति-वर्ण व्यवस्था पर बाबा साहेब अम्बेडकर के विचार’ और ‘लालू जी के सरकार में दलितों एवं वंचितों के लिए दिये गये संवैधानिक अधिकारों पर केन्द्र सरकार के द्वारा हमला’ पर चर्चा होगी। तीसरे दिन प्रश्नावली उत्तर का सत्र होगा और वरिष्ठ नेताओं का संबोधन होगा। वही राजद की ओर से आयोजित परिचर्चा में सबसे अधिक चिंता इस पर जाहिर की गई कि मनुवाद, समाजवाद पर भारी पड़ रहा है! कैसे RJD को मजबूत तरीके से अंबेडकर के विचार को जन-जन तक पहुंचाना है, इस पर वक्ताओं ने फोकस किया। वही प्रोफेसर चंद्रशेखर मनुवाद के विशेषज्ञ के तौर पर अपना बयान देते रहे हैं और रामचरित मानस की कई पंक्तियों पर सवाल उठाते हुए उसे अलग करने की बात करते रहे हैं।

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