प्रशासन की सख्ती के बाद प्रदेश में थमा अग्निपथ आंदोलन, बिहार में भारत बंद बेअसर
पटना। सेना भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार में अभ्यर्थियों का गुस्सा कम हो गया है। सोमवार को कई संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का राज्य में असर बहुत कम देखने को मिला है। एक-दो जगहों को छोड़ दें तो सूबे में माहौल शांतिपूर्ण रहा। कई जगहों पर बाजार खुले और वाहनों की आवाजाही सुचारु हो सकी। हालांकि, पुलिस के डर से आम जनता सड़क पर वाहन लेकर निकलने से बच रही है। अग्निपथ आंदोलन बिहार में थमता नजर आ रहा है। बीते दो दिनों के भीतर पुलिस ने हिंसा करने वाले 800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उपद्रवियों के फोटो सार्वजनिक किए जा रहे हैं, इससे भी अभ्यर्थियों में खौफ है। भारत बंद के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। राजधानी पटना, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, मुंगेर, आरा समेत अन्य जिलों में सोमवार को प्रदर्शन की खबर नहीं है। हालांकि सभी जिलों में रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और शहरों के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई।
प्रशासन की सख्ती के बाद अभ्यर्थियों का बवाल हुआ कम, इंटरनेट बंद करने का भी हुआ फायदा
जानकारी के अनुसार, अभ्यर्थियों का बवाल कम होने की एक बड़ी वजह पुलिस का एक्शन भी माना जा रहा है। बीते दो दिनों के भीतर अलग-अलग जिलों की पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही 150 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई हैं। पटना जिले में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई है, उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की साइबर टीम की सोशल मीडिया पर पैनी नजर है। 20 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगने से हिंसा भड़काने वाले पोस्ट में कमी आई है।