रोहिणी नक्षत्र व सिद्ध योग में अक्षय तृतीया मंगलवार को, मिट्टी के पात्र की खरीदी सोना के बराबर

  • शोभन योग में व्रत-दान से मिलेगा अक्षय पुण्य

पटना। सनातन धर्म में वैशाख मास को पुण्य माह माना गया है। आज वैशाख शुक्ल तृतीया मंगलवार को ग्रह-गोचरों के युग्म संयोग में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। रोहिणी नक्षत्र के साथ शोभन योग के अलावे सिद्धयोग विद्यमान रहेगा। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है तथा इस तिथि पर किया गया स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, शुभ कार्य आदि करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं। इस दिन गंगा, गंडक, कमला, कौशिकी, बागमती नदी, सागर व तीर्थ में स्नान से कई गुना पुण्यफल प्राप्त होते हैं। भगवान परशुराम की प्राकट्योत्सव भी इसी दिन मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण, रजत, धातु, रत्न व अन्य शुभ वस्तुओं की खरीदारी का विशेष महत्व होता है। भविष्य पुराण के अनुसार इसी दिन सतयुग व त्रेता युग का आरंभ तथा महाभारत का अंत हुआ था।
अक्षय पुण्य हेतु श्रीहरि व माता लक्ष्मी की होगी पूजा
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ आचार्य राकेश झा ने बताया कि अक्षय तृतीया पर महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए श्रीहरि विष्णु, माता लक्ष्मी व गौरी की पूजा तथा व्रत करेंगी। इस पूजा में भगवान विष्णु व लक्ष्मी को कमल पुष्प, श्वेत फूल व कमलगट्टा, इत्र, अभ्रक अर्पण तथा श्रीसूक्त, कनकधारा का पाठ करने से अक्षय पुण्य व वैभव की कामना जल्द पूर्ण होती है। इस तिथि पर शुभ कार्य करने से उसका पुण्य अक्षय रहता है तथा उसका शुभ फल ही मिलता है। इस दिन सत्तू, जल, गुड़, भोजन सामग्री आदि का दान एवं बेजुबानों को खाने-पीने की वस्तु देने अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।
स्वर्ण की खरीदी से लक्ष्मी, श्रीहरि व सूर्य की कृपा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों के शुभ संयोग में सर्वसिद्ध मुहूर्त या अबूझ मुहूर्त में स्वर्ण, मोती, रत्न आदि खरीदने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण या बहुमूल्य को घर लाने से इस रूप में माता लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु का हमारे गृहस्थ आश्रम में निवास करने लगते है। इसके अलावा स्वर्ण की तुलना सूर्य से की जाती है। अक्षय तृतीया पर सूर्य देवता सबसे तेज चमकते हैं। इसीलिए सोना खरीदना शक्ति, शौर्य, प्रखरता व ताकत में वृद्धि दिलाता है।
मिट्टी के पात्र स्वर्ण के बराबर देगा फल
शास्त्रों में मिट्टी की तुलना स्वर्ण से की गयी है। किसी कारणवश अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदी नहीं कर सकते तो मिट्टी का पात्र या मिट्टी का दीपक भी घर लाना स्वर्ण के बराबर शुभ फल देगा।
पीली सरसों- मुट्ठी भर पीली सरसों इस दिन घर लाने से मां लक्ष्मी का आशीष मिलता है।
कपास- अक्षय तृतीया पर कपास यानी रुई लाना शुभ माना गया है।
इसके अलावे हल्दी, कमलगट्टा, धनिया, कौरी की खरीदारी शुभ होता है।
अक्षय तृतीया में पूजन व खरीदारी का शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त- प्रात: 05:30 बजे से शाम 05:20 तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:20 बजे से 12:13 बजे तक
गुली काल मुहूर्त: दोपहर 11:47 बजे से 01:25 बजे तक
चर-लाभ-अमृत योग: सुबह 08 :30 बजे से 01 :25 बजे तक
शुभ योग मुहूर्त: शाम 03 :03 बजे से 04 :42 बजे तक
अमृत योग: सुबह 08:26 बजे से 10:06 बजे तक

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