December 8, 2025

रिंटू सिंह हत्याकांड : सरसी थाना के पास शव रखकर विरोध प्रदर्शन, मंत्री लेसी सिंह पर हत्या का आरोप, गरमायी बिहार की राजनीति

पटना/पूर्णिया। पूर्णिया जिला के सरसी में बीते शुक्रवार शाम हुई पूर्णिया जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष व पूर्व जिला परिषद विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की हत्या के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। हत्या का आरोप बिहार सरकार में मंत्री और धमदाहा विधायक लेसी सिंह पर लग रहा है। लेसी सिंह का नाम आते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी जदयू पर हमलावर हो गई है। इधर, विश्वजीत सिंह के परिजनों ने शनिवार को सरसी थाना के पास शव रखकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कहा कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक न शव का पोस्टमॉर्टम होने देंगे और न अंतिम संस्कार करेंगे। पहले मंत्री लेसी सिंह यहां आएं और परिवार को देखें। इसके बाद ही शव का अंतिम संस्कार सरसी थाना में ही होगा। इस दौरान आक्रोशित लोगों को समझाने पहुंचे एसपी दयाशंकर को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने तत्काल सरसी थानाध्यक्ष नरेश कुमार को सस्पेंड कर दिया। एसपी ने परिजनों द्वारा मंत्री पर लगाए गए आरोपों पर कहा है कि मामले की जांच चल रही है। परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें विश्वजीत सिंह जिला परिषद सदस्य अनुलिका सिंह के पति थे और वह भी जिला परिषद सदस्य रह चुके थे। आगे वह विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे थे।


तेजस्वी बोले- पुलिस निभा रही जदयू कार्यकर्ता का फर्ज
इधर, कांग्रेस नेता की हत्या में मंत्री लेसी सिंह का नाम आते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विश्वजीत सिंह द्वारा 3 नवंबर को थाना में दिए गए आवेदन के साथ नीतीश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूर्णिया के नवनिर्वाचित जिला परिषद ने बिहार पुलिस अर्थात जदयू पुलिस सह कार्यकर्ता को लिखित शिकायत की थी कि जदयू की बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह का भतीजा उनकी हत्या करवा सकता है, लेकिन जदयू पुलिस अपना कार्यकर्ता वाला फर्ज निभाने में तत्पर रही और उसकी हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि बिहार से अच्छा कानून का राज कहीं होगा क्या, जहां पुलिस ही नागरिकों और निर्वाचित विपक्षी जनप्रतिनिधियों की हत्या करवाती हो, जहां पुलिस ही शराब की तस्करी करती हो, जहां पुलिस ही थानों से शराब बेचती हो, जहां पुलिस सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता के रूप मेन कार्य करती हो?
आरोपों पर स्थानीय जदयू नेता की सफाई
इस संबंध में मंत्री लेसी सिंह का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद जदयू के प्रदेश महासचिव आशीष कुमार बब्बू ने बताया कि लेसी सिंह पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद और झूठा है। पंचायत चुनाव में मृतक की पत्नी अनुलिका सिंह 7000 वोट से जीती है। उनके विरोधियों से ही प्रतिस्पर्धा थी। जबकि लेसी सिंह को इस जीत हार से कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष के लोगों द्वारा बदनाम करने के नीयत से झूठा आरोप लगाया गया है।
लोगों को समझाकर पोस्टमॉर्टम को भेजा गया शव
रिंटू सिंह के परिजनों व समर्थकों ने सुबह से ही सरसी थाना के पास सड़क जाम कर दी। आगजनी की और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। परिजनों का कहना था कि हत्या थाना के पास हुई है। अंतिम संस्कार भी थाना कैंपस में ही होगा। हालांकि, बाद में वहां पहुंचे पूर्णिया एसपी दया शंकर ने किसी तरह लोगों को समझाकर जाम हटवाया। साथ ही शव को भी पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।
परिजनों ने लगाया मंत्री पर आरोप
मृतक के पिता मनोज सिंह, पत्नी अनुलिका सिंह और मां ने बताया कि साजिश के तहत रिंटू की हत्या हुई है। पुलिस ने यदि मामले को गंभीरता से लिया होता तो आज रिंटू की हत्या नहीं होती। पत्नी अनुलिका सिंह ने बताया कि उनके पति रिंटू सिंह साल 2015 में भारी बहुमत से जिप सदस्य पद पर जीते थे। इस बार मुझे जिप सदस्य पद पर उतारा गया और मैंने सात हजार से भी अधिक मतों से जीत हासिल की है। कहा कि पति रिंटू सिंह खुद धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे। क्षेत्र में स्थिति मजबूत होने के कारण यह बात विरोधियों को नहीं पची और साजिश के तहत हत्या करा दिया गया। इसमें मंत्री लेसी सिंह व उनके लोग शामिल हैं।

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